Meerut : आसमान पर काले बादल रिमझिम फुहार चारो ओर हरियाली मन को महकाती गीली मिïट्टी की खुशबू. यही सावन है. सावन यानी बदलने का मौसम. लाइफ को एंज्वाय करने का मौसम. सजने-संवरने का मौसम. फिर बात सेहत की हो या स्वाद की या फिर बात हो आपके स्वभाव की. चटपटे पकौड़े और लजीज घेबर. जी हां मंगलवार से शुरू हो रहे सावन में बहुत कुछ बदलने वाला है.


कांवडिय़ों का मेलाशिवालयों में भक्तों की भीड़ लगेगी, सडक़ पर कांवडिय़ों का मेला होगा। साथ में होगा घरों में जश्न का माहौल। 23 जुलाई, मंगलवार से शुरू होने वाले सावन का वेलकम करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। सावन यानी बदलाव का मौसम। कुदरत बदलेगी। इसी के साथ बदलेगा आपका मूड। यही नहीं बाजार बदलेगा, लोगों का खानपान बदलेगा। सावन में आपको सब कुछ बदला-बदला नजर आएगा।शहर बदलेगा, शिवालय बदलेंगे


कांवडिय़ों का मेला 25-26 जुलाई से शुरू हो जाएगा और 2-3 अगस्त में पीक पर होगा। इसके लिए शहर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं.  रुडक़ी रोड और दिल्ली रोड पर वन साइड ट्रैफिक रहेगा और जगह-जगह कांवडिय़ों के स्वागत और विश्राम की व्यवस्था रहेगी। दिल्ली या रुडक़ी जाना मुश्किल हो जाएगा। सावन और शिवरात्रि के लिए शहर के शिवालयों में खास इंतजाम किए जा रहे हैं। हर सोमवार को शिवालयों में मेले की स्थिति रहती है। 5 अगस्त को महाशिवरात्रि पर औघडऩाथ मंदिर में जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की गई है।बाजार में डिस्काउंट ऑफर

सावन और हरियाली तीज महिलाओं के लिए सजने-संवरने का मौसम है। इसके लिए घरों के साथ बाजार में भी बड़े पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं। यही कारण है कि बाजार में साड़ी के हर शोरूम पर डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है। ये 25 से 50 परसेंट तक है। ब्यूटी पॉर्लर भी स्पेशल पैकेज एनाउंस कर रहे है. खानपान भी बदलेगा मटर-कुल्चा हो या देसी थाली, ये तब तक पूरी नहीं होती जब तक इसमें सलाद के तौर पर प्याज न हो। मगर सावन में लोग इस टेस्ट को पीछे छोड़ देते हैं और पूरे सावन के महीने में बहुत से लोग प्याज-लहसुन नहीं खाते। शहर में रोजाना 450 टन प्याज की खपत हो जाती है और सावन के महीने में इस खपत में काफी कमी आ जाती है।सेहत के लिए रहें सावधान आयुर्वेदाचार्य डॉ। वाईपी सिंह बताते हैैं कि सावन में डाइजेस्टिव पावर, इम्यूनिटी लेवल काफी कम हो जाता है। ऐसे में ओवर इटिंग और हैवी फूड खतरनाक रहता है। ये मौसम नेचर के फेवर का मौसम है। हरी पत्तेदार सब्जियों के बैक्टीरिया पेट में जाकर पहले से ही वीक डाइजेस्टिव सिस्टम पर भारी पड़ जाते हैं। बैक्टीरियल इनफेक्शन के चलते दही, छाछ कढ़ी आदि को भी वर्जित माना जाता है। बरसात में हल्का और फाइबर युक्त खाएं। इस मौसम में विटामिन सी को अपनी डाइट में बढ़ा दें। घेबर होगा खास

सावन के मौसम में स्वाद को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस मौसम में घेवर, अनदरसे मिठाई की दुकानों पर खूब सजते दिख जाएंगे। सावन बेटियों के घर सिंदारा भेजने का समय है और इस सिंदारे में घेवर, गुंजिया, अनदरसे, मठरी, छाक जैसी चीजें भेजी जाती हैं। वक्त के साथ घेवर की भी कई वैरायटी अवेलेवल हैं, जिसमें सादा घेवर, खोया घेवर, केसर मावा घेवर, काजू किशमिश घेवर ज्यादा तैयार की जाती हैं। हर जायके का रेट अलग है। होगा जश्न का माहौलसावन में तीज का त्योहार जश्न में सराबोर करने वाला है। कालोनी, पार्क में झूले लगते हैं, महिलाएं सज-संवरकर घर से बाहर निकलती हैं और तीज के फंक्शन को एंज्वाय करती हैं। कोई तीज क्वीन बनेगा तो किसी के सिर पर सजेगा तीज स्पेशल का ताज सिटी में मौजूद तमाम लेडीज क्लब तीजो स्पेशल प्रोग्राम्स रन करते हैं। वहीं मेयर द्वारा बच्चा पार्क स्थित लेडीज पार्क में तीज का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।सावन में ओनली वेज
बाकी सब चीजों की तरह नॉनवेज की खपत में भी काफी कमी आ जाती है। सभी हिंदू परिवारों में सावन के महीने में नॉनवेज नहीं खाया जाता है। तेजी से खपत में आई कमी नॉनवेज की शॉप्स पर लोगों की आवाजाही में कमी के तौर पर साफ दिखने लगती है।  एल्कोहल से भी होगा परहेज  एल्कोहल, वैसे तो रोज इसका सेवन करने वालों की तादात अच्छी खासी है। मगर सावन के आने पर बड़ी संख्या में लोग पूरे एल्कोहल से दूर ही रहते हैं। ऐसे में शराब की खपत में काफी कमी आ जाती है। आम दिनों में एक अनुमान के मुताबिक लगभग 23 लाख रुपये की शराब की बिक्री हो जाती है।

Posted By: Inextlive