ईआरटीएमएस से दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का संचालन होगा

ट्रेनों का संचालन होगा ऑटोमैटिक, दो ट्रेनों के बीच नियत दूरी रहेगी मेन्टेन

Meerut। यूरोपियन रेल यातायात प्रबंधन प्रणाली (ईआरटीएमएस) से दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का संचालन होगा। अत्याधुनिक यूरोपियन ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) कोर सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल के लिए एक इंटरनेशनल और हाईटेक टेक्निक से लैस है। इससे दो ट्रेन (रैपिड रेल) के बीच लगातार सुरक्षित अधिकतम गति सुनिश्चित होगी तो वहीं चालक और ऑन-बोर्ड सिस्टम के लिए कैब सिग्नलिंग होगी। जो अनुमानित गति को पार करने से नियंत्रित करती है।

इस तरह काम करेगा सिस्टम

ईटीसीएस तीन स्तर पर काम करता है। पहले स्तर पर ट्रैक पर मौजूदा राष्ट्रीय सिग्नलिंग सिस्टम पर इसे आसानी से इन्स्टाल कर दिया जाता है। जो कैब सिग्नलिंग प्रदान करता है। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम में ईटीसीएस स्तर 2 और 3 का प्रयोग किया जाएगा। यह एक रेडियो आधारित प्रणाली है जो कैब में सिग्नलिंग को प्रदर्शित करता है। ट्रेन अपनी सटीक स्थिति और दिशा की रिपोर्ट करने के लिए जीएसएम-आर सिस्टम द्वारा लगातार रेडियो ब्लॉक सेंटर (आरबीसी) को डेटा भेजता है। इस सिस्टम से ट्रेनें एक्सेलेरोमीटर, ओडोमीटर या रडार जैसे मार्डन सेंसर के साथ अपनी स्थिति को भेजती रहती हैं। एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन के बीच की निर्धारित दूरी को बनाए रखने का काम भी ऑटोमैटिकली होता है।

दुर्घटनाओं की संभावनाएं नहीं

परंपरागत सिग्नल सिस्टम के बजाय कैब सिग्नलिंग सिस्टम रैपिड रेल में लाया जाएगा। यह सिग्नल प्रणाली 500 किमी तक की गति से सुरक्षित रूप से ट्रेनों का संचालन करने में सक्षम है। इस सिस्टम दुनिया भर में ट्रेन ऑपरेटरों द्वारा तेजी से अपनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक विश्व के 24 देश ईआरटीएमएस के तहत हाईस्पीड ट्रेन का संचालन कर रहे हैं। भारत में यह अत्याधुनिक प्रणाली पहली बार दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल में लागू किया जाएगा।

बेहद सुरक्षित और फुलप्रूफ सिस्टम से दुर्घटनाओं की संभावनाएं नहीं रहेंगी तो वहीं दो हाईस्पीड ट्रेन के बीच की दूरी ऑटोमैटिक मेन्टेन होगी।

सुधीर कुमार शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी

24 देश कर रहे हैं ईआरटीएमएस के तहत हाईस्पीड ट्रेन का संचालन

500 किमी प्रति घंटा स्पीड तक ट्रेनों का संचालन करने में सक्षम है यह सिग्नल प्रणाली

Posted By: Inextlive