- प्रो। गर्ग ने कुलपति से मुलाकात कर यूनिवर्सिटी पर लगाए आरोप

Meerut : पत्रावली गायब होने के प्रकरण में पूर्व में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन घोटाले में आरोपी बताकर बर्खास्त किए गए प्रो। एपी गर्ग ने बुधवार को कुलपति से मुलाकात की। अपने साथ लाई पत्रावली की छायाप्रति को दिखाते हुए यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। प्रो। गर्ग ने हाईकोर्ट में एआर अरुण यादव द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्र को फर्जी करार दिया। साथ ही बताया कि आरोपियों को बचाने के लिए यूनिवर्सिटी ने गलत कदम उठाया है।

लगाए आरोप

प्रो। गर्ग ने बताया कि मामला पुराना है। 9 सितंबर ख्00म् की ईसी की बैठक में पास हुई प्रोसेडिंग में ऐसा कुछ नहीं है। जबकि उनके पास ईसी की वास्तविक प्रोसेडिंग मौजूद है। यदि यूनिवर्सिटी द्वारा हाईकोर्ट में दिया गया शपथ पत्र सही है तो यूनिवर्सिटी मूल पत्रावली को सामने लाए। यदि यूनिवर्सिटी सही है तो मूल पत्रावली को देखकर ही तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाईकोर्ट ने शपथ पत्र दाखिल किया होगा। इसके लिए कमेटी सेल से एआर अरुण यादव द्वारा पत्रावली ली गई होगी। इसके बाद पत्रावली एआर अरुण यादव ने पत्रावली वापस की है या नहीं इसका जवाब यूनिवर्सिटी को देना होगा। कर्मचारी पर रिपोर्ट दर्ज कराकर यूनिवर्सिटी के अधिकारी तथ्यों के विपरीत जाकर अपनी गलती छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। मामले के दोषी तत्कालीन कुलपति और अन्य अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए मूल पत्रावली को गायब बताया जा रहा है।

खड़े हो रहे हैं सवाल

प्रो। गर्ग की मानें तो पत्रावली गायब होने के लिए कमेटी सेल के इंचार्ज को दोषी मान रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद स्वयं यूनिवर्सिटी द्वारा इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है। जबकि इंचार्ज को नियमानुसार गंभीर मामलें के कारण रिपोर्ट दर्ज होने के बाद स्वयं यूनिवर्सिटी द्वारा सस्पेंड किया जाना चाहिए था, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसे पहले ही क्लीन चिट दी गई है। आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज करने बाद कमेटी सेल इंचार्ज को कार्रवाई का भय दिखाकर मुंह बंद करा दिया गया है।

Posted By: Inextlive