- पेट्रोलियम मंत्रालय से एप्रूवल होने के बाद भी नहीं मिल सके कनैक्शन

- पहले सर्वे में 522 लोगों को किया जाना था वितरण

- दूसरे में 1072 लोगों को किया जाना था लाभान्वित

आगरा। ताजमहल को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए ताज के दो किमी। के दायरे में एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित किए जाने थे। चार महीने गुजर जाने के बाद अभी तक एलपीजी गैस चूल्हों का वितरण नहीं हो सका है.ये स्थिति जब है, तब पेट्रोलियम मंत्रालय से भी एप्रूवल हो चुका है। जबकि इसके लिए 31 जुलाई 2018 का समय निर्धारित किया गया था। अब जिम्मेदार अधिकारी नवंबर तक योजना को पूरा करने का दावा कर रहे हैं।

टीटीजेड में लकड़ी कोयला जलाने पर है प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड में लकड़ी और कोयला जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके ताज के आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों परिवार लकड़ी कंडा उपले जलाकर खाना पकाने पर मजबूर हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन कमिश्नर के। राममोहन राव ने ताज के दो किमी। के दायरे में सभी को एलपीजी गैस कनेक्शन देने के निर्देश दिए थे। इसके लिए सर्वे कराया गया था। इसमें पहले सर्वे में 522 परिवार चिह्नित किए थे,इसके बाद दूसरे सर्वे में 1072 परिवार चिह्नित किए गए थे।

अब 1600 रुपये वहन करेगी कंपनी शेष उपभोक्ता को करने होंगे

ताज के दो किमी। के दायरे में 1068 परिवारों को एलपीजी गैस कनैक्शन मुहैया कराने का एप्रूवल हो चुका है। इसमें पेट्रोलियम मंत्रालय ने 1600 रुपये प्रति उपभोक्ता की ओर से वहन करने को संस्तुति की है। शेष उपभोक्ता को वहन करनी होगी। गौरतलब है कि चार महीने पर ऐसे परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन वितरण करने के लिए 13.59 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया था। बता दें कि एक एलपीजी गैस कनेक्शन पर 2200 से 2500 रुपये का खर्च आता है। ऐसे में यदि 1600 रुपये कंपनी वहन करेगी, तो 600 से 800 रुपये उपभोक्ता को वहन करने पड़ेंगे।

अभी तक उज्ज्वला के अन्तर्गत हुए वितरण पर एक नजर

प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के अभी तक 86937 से ज्यादा गैस कनेक्शनों का वितरण किया गया है। इसमें बीपीआई के 12665, एचपीसी के 21805, आईओसी ने 52467 कनेक्शन का वितरण किया गया है। आपको बता दें कि शहर में 10 लाख परिवार हैं।

तैयार हो रहा विजन डॉक्यूमेंट

ताज को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए डॉक्यूमेंट विजन तैयार किया जा रहा है। इसमें दर्जनों बिन्दुओं पर कार्य किया जाना है। इसमें ताज के दो किमी के दायरे में कोक और लकड़ी उपले के प्रयोग को पूर्ण प्रतिबंधित किया गया है। मौजूदा समय में ताज के आसपास के एरिया में बुढ़ाना, नगला पैमा, बुढ़ेरा समेत अन्य स्थानों पर लकड़ी और कंडा, उपलों से खाना पकाया जा रहा है।

कोक भट्टियां हैं प्रतिबंधित

सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर जिला प्रशासन ने छह तहसीलों में दर्जनों भट्टियों को तोड़ा था। इसमें एत्मादपुर में दो, किरावली में 10, खेरागढ़ में दो, फतेहाबाद में दो और सदर में 23 कोयले लकड़ी की भट्टियों को तोड़ा गया था।

Posted By: Inextlive