मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही बसपा को नुकसान सहना पड़ा पर यह उसके लिए फायदे का सौदा भी साबित हुआ है।

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LUCKNOW : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही बसपा को नुकसान सहना पड़ा पर यह उसके लिए फायदे का सौदा भी साबित हुआ है। दो सीटें गंवाने के बावजूद बसपा मध्य प्रदेश में किंगमेकर की भूमिका में आई है जबकि सपा की एक सीट भी कांग्रेस के लिए वरदान साबित हुई है। बसपा और सपा की तीन सीटों की बदौलत कांग्रेस मध्य प्रदेश में सरकार बनाने की तैयारी में है। ऐसे ही हालात राजस्थान में भी है। राजस्थान में बसपा ने पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुना अच्छा प्रदर्शन कर छह सीटें हासिल की है जो उसे सरकार का हिस्सा भी बना सकती है। वहीं राष्ट्रीय लोक दल ने भी राजस्थान में एक सीट जीतकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी है।

सपा का वोट बैंक बढ़ा

एमपी में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले सपा का वोट बैंक बढ़ा है जबकि बसपा का करीब डेढ़ फीसद घटा है। बसपा को दो सीट का नुकसान भी सहना पड़ा है जबकि सपा को अपना खाता खोलने में कामयाबी मिली है। सपा ने इस बार अपना वोट बैंक भी बढ़ाने में सफलता पाई है। ध्यान रहे कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एमपी चुनाव में तमाम जनसभाएं भी की थी। खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में वह अपना प्रभाव बरकरार रखने में कामयाब रही। वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो सपा को वोट बैंक का नुकसान सहना पड़ा है। राजस्थान में उसे पिछले चुनाव के मुकाबले आधे वोट ही मिले है। साथ ही कोई सीट भी उसके खाते में नहीं आ पाई है। कहना गलत न होगा कि दोनों प्रदेशों में चुनाव लडऩे का अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पार्टियों को फायदा मिला है और इससे उपजा उत्साह लोकसभा चुनाव में उनके काम आ सकता है।

भाजपा की बढ़ेगी परेशानी

यूपी से सटे तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजोंं ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। चुनावी जानकारों के मुताबिक इसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा पर इन नतीजों ने विपक्ष को एकजुट करने का बड़ा अवसर दे दिया है। हालांकि यूपी में गठबंधन की सूरत में सीटों का बंटवारा अड़चन पैदा कर सकता है क्योंकि कांग्रेस पहले के मुकाबले अब ज्यादा सीटों की मांग करेगी जबकि बसपा ने इस बाबत अपना रुख पहले ही साफ कर दिया है कि वह सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही गठबंधन में शाामिल होगी। अब यूपी में भाजपा का पूरा दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रांड इमेज और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज पर रहेगा। वहीं इससे निपटने के लिए सरकार और संगठन में अहम फेरबदल करना भी जरूरी माना जाने लगा है।
मध्य प्रदेश में बसपा की स्थिति
वर्ष             वोट प्रतिशत          कुल वोट          सीट
2013           6.29                    2128333        4     
2018             5. 0                   1911642        2
मध्य प्रदेश में सपा की स्थिति
वर्ष          वोट प्रतिशत         कुल वोट         सीट
2013         1.20                  404853          0    
2018         1.3                     496025         1
राजस्थान में बसपा की स्थिति
वर्ष            वोट प्रतिशत             कुल वोट        सीट
2013         3.37                       1041241      3     
2018         4.0                         1410995      6
राजस्थान में सपा की स्थिति
वर्ष              वोट प्रतिशत             कुल वोट       सीट
2013         0.39                          119011        0   
2018         0.2                             65160          0
 
जनता केंद्र व इन राज्यों में बीजेपी सरकार की गलत नीतियों से दुखी थी। उसने अपने दिल पर पत्थर रखकर वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस को ही मजबूत विकल्प समझ कर अपना अधिकांश वोट दिया। मध्य प्रदेश में भाजपा सत्ता में बने रहने के लिये हाथ-पांव मार रही है इसलिये बसपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। जरूरत हुई तो राजस्थान में ऐसा ही किया जायेगा।
मायावती, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बसपा
भाजपा के खिलाफ  मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने को सपा ने अपना समर्थन दिया है। मध्य प्रदेश में गठबंधन न होने की बात पुरानी हो गई है। लोकसभा चुनाव करीब है। हम अपने पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करेंगे और भाजपा को सबक सिखाएगें। देश के चुनाव में भी भाजपा को करारा जवाब मिलने जा रहा है। जनता अब भाजपा केचाल-चरित्र से भली भांति अवगत हो गयी है।
अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष,

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Posted By: Shweta Mishra