आग से मत खेलिए, गर्मी आ गई
- हर साल अरबों रुपए का नुकसान, जागरुकता का अभाव
- पब्लिक की लापरवाही से अचानक बढ़ जाती है अगलगी की घटनाएं GORAKHPUR: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही अगलगी की घटनाएं शुरू हो जाती हैं. आग लगने पर हाय-तौबा मचने पर हर कोई संसाधनों की सुधि लेता है. मौसम खत्म होते ही सबके जेहन से आग से बचाव के इंतजाम को लोग भूल जाते हैं. हर साल अरबों रुपए का नुकसान उठाने के बावजूद जिम्मेदार जाग नहीं रहे हैं. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा संसाधनों से आग से निपटा जाएगा. जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को आग से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं. जनवरी से लेकर मार्च तक 550 स्कूलों में मॉक ड्रिल करके बच्चों को आग लगने के कारणों, उनसे बचाव से संबंधित जानकारी दी जा चुकी है. सड़क के नीचे दबे हाइड्रेंट, संसाधनों का अभावगर्मी शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में हर जगह फायर टेंडर की मांग होती है. सेंटर से निकलने के बाद दमकल रास्तों में लगने वाले जाम में फंस जाते हैं. स्पीड में निकलने वाले फायर टेंडर को रास्ता नहीं मिलता. ऐसे में घटना स्थल पर पहुंचने में दमकल कर्मचारियों को देरी हो जाती है. आग से निपटने का समुचित इंतजाम न होने से घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम नहीं किया जा सका है. शहर के अंदर आग से निपटने के लिए 75 हाइड्रेंट प्वॉइंट बनाए गए थे. सड़कों के निर्माण कार्य में ये सभी दब गए. गोलघर स्थित प्वॉइंट को छोड़कर अन्य जगहों पर पानी के लिए मारामारी मची रहती है. ऊंची इमारतों पर लगने वाली आग से निपटने के लिए 32 मीटर हाइट का हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म है. जबकि, 56 मीटर हाइट वाले हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की डिमांड की जा चुकी है.
आग लगने की प्रमुख वजहें - गैस सिलेंडर का लीकेज, खराब पाइप और रेगुलेटर - बिजली की खराब वायरिंग, घटिया और सस्ते उपकरण - क्षमता से अधिक लोड होने की वजह से शॉर्ट सर्किट होता है. - मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, पूजा के दीया जलाने में लापरवाही - फसल काटकर खेत में डंठल फूंकने, जहां-तहां कूड़ा करकट जलाना ऐसे कर सकते हैं बचाव - आग लगने से निपटने के लिए पानी और बालू की बाल्टी रखें. - घर के आसपास पानी का संसाधन हरदम तैयार रखें. - गैस के लीकेज से बचाव के लिए प्रॉपर मेटीनेंस करें. - मच्छरों से बचाव वाली अगरबत्ती सावधानी पूर्वक जलाएं.- बिजली के लोड के मुताबिक स्विच और तारों का यूज करें.
- बिजली की वायरिंग में बढि़या, उम्दा किस्म के वायर इस्तेमाल करें. फैक्ट फीगर 2018 में अगलगी से नुकसान शहर में आग लगने की कुल घटनाएं - 529 अगलगी में कुल हुआ नुकसान - 3,46,05000 अग्निशमन की तत्परता से बचाव - 383760000 इतने फायर टेंडर मौजूद गोलघर फायर स्टेशन - 4 गीडा फायर स्टेशन - 2 बांसगांव फायर स्टेशन - 1 कैंपियरगंज फायर स्टेशन - 1 बड़हलगंज फायर स्टेशन - 1 फायर स्टेशन पर संसाधन फायर टेंडर - 10 वाटर बाउजर - 2 फोम टेंडर - 1 हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म - 1 मिस्ड हाईप्रेशर - 4 पोर्टेबल पंप - 4 बुलेट - 3 कर्मचारियों की तादाद सीएफआो 1 एफओ 1 एसआई 1 लीडिंग फायरमैन 15 फायर सर्विस ड्राइवर 14 फायर मैन 58 वर्जनगर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को आग से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं. सावधानी बरतकर आग की बड़ी घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है. पानी की टंकियों पर वॉल्व लगाने और वाटर हाइड्रेंट्स को दुरुस्त करने पर जोर दिया गया है. कैंपियरगंज, चौरीचौरा, खजनी और बांसगांव में एक-एक फायर टेंडर भेज दिए गए हैं.
- देवेंद्र कुमार सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी