पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने रावलपिंडी से चुनाव लड़ने के लिए लाहौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें वहां से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

हाईकोर्ट से किया फैसला बदलने का आग्रह
इस्लामाबाद (पीटीआई)।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने इलेक्शन ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। दरअसल, अब्बासी ने पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में रावलपिंडी से पर्चा भरा था लेकिन इलेक्शन ट्रिब्यूनल ने बुधवार को उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। अब्बासी के वकील खवाजा तारिक रहीम ने ट्रिब्यूनल से एक उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने का कारण पूछते हुए हाईकोर्ट से इस फैसले को बदलने का आग्रह किया है।
इस्लामाबाद से हुआ पर्चा नामंजूर
बता दें कि तथ्यों को छिपाने और अपने मतदाताओं को पूरी जानकारी नहीं देने पर न्यायमूर्ति इबदुर रहमान लोढ़ी के एक सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अब्बासी को दोषी ठहराते हुए रावलपिंडी से आम चुनाव में हिस्सा लेने से अयोग्य घोषित कर दिया और साथ ही कहा कि वह सच्चा और धर्मी नहीं हैं। अब्बासी ने एनए 53 इस्लामाबाद और एनए -57 रावलपिंडी सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया था। शुरू में, चुनाव अधिकारियों ने इस्लामाबाद से उनका नामांकन खारिज कर दिया लेकिन रावलपिंडी से उनका पर्चा मंजूर कर लिया।
अवैध कब्जे का आरोप
दरअसल, रावलपिंडी से पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ मैदान में उतरने वाले मसूद अब्बासी ने न्यायमूर्ति लोढ़ी के नेतृत्व में ट्रिब्यूनल के सामने उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दी थी। उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री पर नामांकन पत्रों के साथ छेड़छाड़ करने और अवैध रूप से इस्लामाबाद के पास वनभूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया। मसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने अब्बासी के खिलाफ कुछ आपत्तियों को सही माना और रावलपिंडी से भी उनका नामांकन खारिज कर दिया।

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Posted By: Mukul Kumar