RANCHI : झारखंड में हुए 34वें नेशनल गेम्स में हुए घोटाले के किंगपिन के तौर पर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाडी का नाम सामने आया है। कलमाडी को दबोचने के लिए निगरानी की टीम दिल्ली जा सकती है। गौरतलब है कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी व नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के सेक्रेटरी एसएम हाशमी ने निगरानी की पूछताछ में कलमाडी के नाम का खुलासा किया। हाशमी ने अपने बयान में कहा कि सुरेश कलमाडी के इशारे पर ही नेशनल गेम्स के लिए जारी किए टेंडर की बेसिस पर सामानों की खरीदारी की गई थी।

आयोजन से पहले मांगी थी लिस्ट

हालांकि, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के डायरेक्ट आरएसवी वर्मा ने नेशनल गेम्स के आयोजन के पहले ही आयोजन समिति के सचिव व जेओए के महासचिव एसएम हाशमी से स्पो‌र्ट्स इक्विपमेंट सप्लाई करनेवालों की लिस्ट मांगी थी। इसमें कहा गया था कि जिस कंपनी ने सबसे लोएस प्राइस्ट का टेंडर भरा है, उसे ही स्पो‌र्ट्स इक्विपमेंट्स सप्लाई करने का काम दिया जाए। हाशमी ने सामानों की सप्लाई के लिे ओमेगा कंपनी से करार करने की बात कही थी, पर उन्होंने अन्य कंपनियों के सामानों की खरीद से संबंधित सूची भी इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के डायरेक्टर को भेज दी थी, जो एल टू और एल थ्री कैटगरी के थे।

प्रोफेशनल्स से लेने का दिया था सुझाव

तत्कालीन कैबिनेट विजिलेंस सेक्रेटरी सुधीर त्रिपाठी ने झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन को 18 सितंबर, 2007 को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में इस बात का उल्लेख था कि चूंकि राज्य में एक्सप‌र्ट्स और अनुभवी ट्रेनर नहीं है, इसलिए स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर आयोजन के लिए प्रोफेशनल्स का सुझाव ले सकती है या उसे टेंडर दे सकती है। यदि ऐसा संभव नहीं होता है तो आयोजन का जिम्मा किसी अन्य को दे दें, ताकि नेशनल गेम्स का सफल आयोजन हो सके। पर, नेशनल गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के मेंबर्स ने न तो प्रोफेशनल्स से मंतव्य लिया और न ही इस संबंध में कोई आगे की कार्रवाई की।

ऑडिट में घपले की बात आई सामने

2011 में हुए नेशनल गेम्स घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर होने के बाद महालेखाकार ने तीन फरवरी 2009 को खर्च का ऑडिट किया था। ऑडिट का नोट 37 पेज का था। इसमें 22 बिंदूओं को फोकस किया गया था। महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 73 करोड़ की खेल सामग्री की खरीदारी में 28 करोड़ 38 हजार रुपए की गड़बड़ी है। महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में भी सुरेश कलमाडी का नाम घोटाले में आया था।

छह कंपनियों पर गिर सकती है गाज

निगरानी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आयोजन समिति ने अमिटको खेल सेंटर, जिम इंटरनेशनल, स्काई स्पेा‌र्ट्स, चडडा स्पो‌र्ट्स, खालसा जिम व शिव नरेश स्पोटर््स प्राइवेट लिमिटेड से खेल सामग्री की खरीदारी की थी। सभी कंपनी को अलग-अलग खेल सामग्री सप्लाई करने का जिम्मा दिया गया था। निगरानी की टीम उन छह कंपनियों से भी घेरे में लेगी, जिन कंपनियों ने बगैर टेंडर डाले और बिना सिक्यूरिटी मनी जमा किए सामानों की आपूर्ति की थी।

आरके आनंद की भूमिका नहीं

निगरानी जांच में झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके आनंद का इस घोटाले में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। इसलिए उन्हें क्लीन चिट दे दे गी गई है। वहीं, संघ के कोषाध्यक्ष पर उनकी भूमिका पर अभी निष्कर्ष निकाला जा रहा है।

मुश्किल में पड़ सकती है वंदना डाडेल?

घोटाले के संबंध में निगरानी विभाग ने वित विभाग से भी मंतव्य मांगा था। कुछ मंतव्य तो निगरानी को दिया गया है। कुछ मंतव्य खेल निदेशक से लेने की बात कही गई थी। इस बाबत निगरानी ने खेल निदेशक वंदना डाडेल से कई बार ब्योरा देने के लिए कहा था, पर उनके द्वारा निगरानी को कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई। सूत्रों के मुताबिक, स्पो‌र्ट्स सेक्रेटेरी वंदना डाडेल को निगरानी कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर प्रस्तुत होना पड़ सकता है।

कमरा बंद कर फाइल निपटाते थे पीसी मिश्रा

तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा के निजी सहायक संजीत कुमार सिन्हा ने यह खुलासा किया है कि ट्रांसफर हो जाने के बाद भी वे कार्यालय आते थे और कमरे को बंद कर फाइलों का निपटारा करते थे। वे अंदर क्या करते थे। यह किसी को नहीं पता है। जांच में इस बात का भी पता चला कि चड्डा स्पो‌र्ट्स का बैंक गारंटी समाप्त हो गया था, लेकिन उसका नवीकरण नहीं किया गया और न ही उससे सिक्यूरिटी मनी ली गई। सीए घनश्याम राजगढि़या ने भी बयान दिया था कि सिक्यूरिटी मनी नहीं मिलने के बाद भी चड्डा स्पो‌र्ट्स को 41 लाख, 57 हजार, 160 रूपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया। वहीं कीप बॉक्सिंग के लिए खरीदे गए सामानों में 15 परसेंट की कटौती किए बगैर ही तीन लाख का भुगतान कर दिया गया है।

Posted By: Inextlive