एक्सपर्ट ड्राइवर ही थामेंगे लंबे रूट की कमान
ए, बी व सी तीन कैटेगरी में बंटेगी चालकों की ड्यूटी
अनुभवी और एक्सपर्ट चालकों को मिलेगी लंबी दूरी बसों पर ड्यूटी यात्रियों की सुरक्षा के लिए अब कैटेगरी में होगा बसों का संचालन 6 बसें संचालित होती हैं मेरठ से लखनऊ के लिए 3 बसें अजमेर, पुष्कर रूट के लिए होती हैं संचालित 3 बसों का संचालन मेरठ से रुपेडिया नेपाल बार्डर के लिए होता है 1-1 बस अलवर और बालाजी राजस्थान के लिए 2 बसें मेरठ और गढ़ डिपो से कानपुर के लिए 2 बसों का संचालन चंडीगढ़ अंबाला के लिएMeerut। आगरा हादसे के बाद परिवहन विभाग अपनी बसों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर हो गया है। सुरक्षा के लिए कई नई योजनाएं और बदलाव परिवहन सिस्टम में किए जा रहे हैं। इसी क्रम में एक अति महत्वपूर्ण बदलाव को बस चालकों की ड्यूटी में लागू किया जाने वाला है, जिसमें चालकों को बस चलाने की ड्यूटी कैटेगरी के आधार पर की जाएगी। यानि जो चालक एक्सपर्ट है उसे ही लंबी दूरी की बसों का स्टेयरिंग थमाया जाएगा।
तीन श्रेणी में मिलेगी ड्यूटीरोडवेज बसों में सुरक्षा की दृष्टि से अब चालकों का चयन उनके ट्रैक रिकार्ड और अनुभव के आधार पर किया जाएगा। परिवहन विभाग के मुताबिक इस प्लान से सड़क हादसों में कमी आएगी। साथ ही यात्रियों का सफर भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
ए कैटेगरी के ड्राइवर वे अनुभवी ड्राइवर जिन्होंने अपने करियर में दुर्घटना रहित सफर पूरा किया है या कम से कम दुर्घटना हुई हैं उनको ए कैटेगरी यानि चार लाख किमी तक चल चुकी बसों को चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। बी कैटेगरी के ड्राइवर जो चालक थोड़ा कम अनुभवी हैं पर ट्रैक रिकार्ड अच्छा है और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन और नियमित गति में बस चलाते हैं उनको बी कैटेगरी यानि 4 लाख किमी से 6 लाख किमी तक चल चुकी बसों की जिम्मेदारी दी जाएगी। सी कैटेगरी के ड्राइवर तीसरी श्रेणी सी कैटेगरी यानि लोकल कम दूरी वाली बसों में कम अनुभव वाले एक्सपर्ट चालकों को 6 लाख किमी से अधिक चल चुकी बसों पर डयूटी दी जाएगी। ट्रैक रिकार्ड से मिलेगी डयूटीइस कैटेगरी में ड्यूटी चालकों के टै्रक रिकार्ड के अनुसार दी जाएगी। यानि जो चालक सफर के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए हैं उन सभी मुददों को ध्यान में रखकर उसी के आधार पर चालकों को डयूटी दी जाएगी। बस चलाने में असमर्थ या लापरवाह चालकों को बसों से हटाकर विभागीय काम में लगाया जाएगा।
ए कैटेगरी में न्यूनतम सेवा अनुभव 7 साल बी कैटेगरी में न्यूनतम सेवा अनुभव 5 साल सी कैटेगरी में न्यूनतम सेवा अनुभव शून्य मुख्यालय स्तर पर कई प्रमुख बदलाव किए गए हैं इनको धीरे धीरे अमल में लाया जा रहा है। चालकों पर मुख्यालय स्तर से विशेष नजर है किसी भी प्रकार की लापरवाही बस चालक की बर्दाश्त नही की जाएगी इसके बसों की जिम्मेदार में यह बदलाव किया गया है। नीरज सक्सेना, आरएम