Meerut : तेजाब की घटना को लेकर केस आईपीसी की धारा 326 के तहत दर्ज होता है जिसमें कम से कम दस साल और आजीवन तक कारावास का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस कानून को सख्त बनाने के लिए अमेंडमेंट किया. अगर किसी लड़की पर तेजाब फेंकने की कोशिश भी की जाएगी तो भी सजा कम से कम दस साल और आजीवन तक होगी. जिसमें अमेंडमेंट करके आईपीसी की में उप धारा 326ए बनाई गई.


महिला आयोग की रायमहिला आयोग की राय के अनुसार प्रिवेंसन ऑफ ऑफेंस बाई एसिड एक्ट 2008 के अनुसार आईपीसी की धारा 326ए के तहत अलग से अपराध बनाया जाए। अभियुक्त को कम से कम दस साल और आजीवन कारावास तक की सजा हो। गैरजमानती अपराध हो और दोषी पर दो से पांच लाख तक जुर्माना, पीडि़ता को मुआवजा मिले। अगर किसी का बच्चा है तो उसके पुनर्वास का इंतजाम हो।'ये सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग है अगर कोई खुलेआम तेजाब बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए हम लोग अभियान भी चलाएंगे। जिसके पास लाइसेंस है वह जानकारी देता है। अगर कोई गलत तरीके से तेजाब बेचता है उसको पकड़कर जेल भेजेंगे। कई मामले हो चुके हैं इसलिए इस पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत भी है.'- ओपी सिंह, एसपी सिटी


'सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब मामले में प्रावधान किया है कि कहीं भी तेजाब बिना लाईसेंस के न बिके। इसके बावजूद भी खुलेआम तेजाब बिक रहा है। वहीं तेजाब फेंकने वाले आरोपी को कम से कम सजा दस साल और आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने कानून और भी कड़ा कर दिया है। अगर किसी पर तेजाब डालने की कोशिश भी कोई करता है तो उसको आजीवन कारावास हो सकता है.'

- अनिल बख्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता'जब भी इस तरह के केस सामने आए है हमारी संस्था ने उसके विरुद्ध अभियान चलाए हैं। पर अक्सर यहीं पाया गया है कि महानगर की महिला ही महिला की मदद के लिए आगे नहीं आती है। कोई भी सपोर्ट नहीं मिल पाता है। पुलिस प्रशासन भी इस तरह के मामलों में चुप्पी साध लेता है। यहीं कारण है कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम मिलता है.' -शालू गुप्ता, डिस्ट्रिक प्रेसीडेंट, एंटी करप्शन एसोसिएशन, वूमेन सेल 'इस तरह की पुरानी चर्चित घटनाओं में संकल्प संस्था ने अपनी आवाज बुलंद भी की। पूरी शिद्दत से मुद्दे को उठाया भी गया। पर इस तरह के मामले बस खबरों तक ही सीमित रह जाते है। इस तरह के मामले शुरुआत में तो चर्चा में रहते हैं। फिर बाद में दबा दिए जाते है.' -अतुल शर्मा, अध्यक्ष संकल्प संस्था 'कानून में भले तेजाब बेचना अपराध हो या फिर इसके खिलाफ न जाने कितने ही नियम बनाए गए हो। फिर भी खुले आम तेजाब बेचा जा रहा है। पुलिस प्रशासन का सख्ती न बरतना किसी भी तरह का कानूनी एक्शन न लेना ही इसका मुख्य कारण है। जिसके विरोध में हम आवाज उठाएंगे.'

-गरिमा त्यागी, प्रेसीडेंट, महिमा महिला एवं शिशु विकास संस्था 'अभी तक इस तरह के मामलों के खिलाफ कोई खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन हमारा महिला मोर्चा इस विषय पर चर्चा कर रहा है। आवश्यक रूप से इस तरह के मामलों के विरुद्ध आवाज उठाई जाएगी। जो महिला सुरक्षा के लिहाज से व इस तरह की घटनाओं पर काबू पाने के लिए काफी आवश्यक है.'-सीमा, मीडिया प्रभारी, बीजेपी महिला मोर्चा

Posted By: Inextlive