स्कूली बसों में मिली एक्सपायर दवाएं
RANCHI: रांची डीटीओ नागेंद्र पासवान ने सोमवार को चार स्कूली बसों की चेकिंग की। इस दौरान सभी बसों में रखे फर्स्ट एड बॉक्स में एक्सपायरी दवाएं पाई गईं। इससे नाराज डीटीओ ने सभी स्कूलों को शो-कॉज किया है। इनमें गुरुनानक स्कूल, लाला लाजपत राय स्कूल, सेंट मेरीज स्कूल डोरंडा व फिरायालाल पब्लिक स्कूल शामिल हैं।
बच्चों के माथे पर गिर रहा बैग स्कूली बसों की जांच के क्रम में डीटीओ ने पाया कि बच्चों की सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था नहीं है। बल्कि बैग रखने की व्यवस्था ऊपर है, जहां से बच्चों के सिर पर बैग गिरने का खतरा बना हुआ है। जेट की गाइडलाइन का पालन नहीं झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल की ओर से स्कूली बसों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। क्या है जेट की गाइडलाइन:-स्कूल बसों को 20 किमी की रफ्तार से ही चलाने की अनुमति है।
-प्रत्येक बस में फर्स्ट एड की व्यवस्था जरूरी है।
-सभी स्कूल बसों में फायर एक्सटिंग्शर लगा होना चाहिए -आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। - एजेंसी से कांट्रैक्ट पर ली गई बसों में ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। -स्कूल बसों मे जितनी सीट है, उससे अधिक बच्चों को नहीं बैठाना है।- हर स्कूल बस में हॉरिजेंटल ग्रिल लगा हुआ होना चाहिए।
-बसों पर स्कूल का नाम और टेलिफोन नंबर लिखा होना चाहिए। - बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए। - स्कूल बस चलाने वाले ड्राइवर को कम से कम पांच साल का हेवी व्हेकिल चलाने का अनुभव होना चाहिए। - बस में दो ड्राइवर होने चाहिए। -बस में स्कूल बैग रखने की व्यवस्था सीट के नीचे होनी चाहिए। -बस में बच्चों पर नजर रखने के लिए टीचर मौजूद होने चाहिए वर्जन हमलोगों ने सोमवार को चार स्कूल बसों की चेकिंग की है। इसक्रम में कई बसों में खामियां पाई गई हैं। सभी स्कूलों को शो-कॉज किया गया है। स्कूल बसों की चेकिंग अभी होती रहेगी। -नागेंद्र पासवान, डीटीओ रांची