भारत प्रशासित जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले के हीरानगर पुलिस स्टेशन पर सेना की वर्दी में आए चरमपंथियों ने गुरुवार सुबह हमला कर दिया.


पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस हमलें में चार पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों की मौत हो गई.हमला करने के बाद चरमपंथी वहाँ से भाग गए. उसके बाद उन्होंने कठुआ ज़िले से सटे सांबा ज़िले में सेना की एक चौकी पर हमला कर दिया. चरमपंथी सेना के अधिकारियों के लिए बने मेस या भोजनालय में घुसे हुए हैं. सेना ने इस बिल्डिंग को खाली करा लिया है. उसमें अब केवल चरमपंथी ही रह गए हैं.समाचार लिखे जाने तक सांबा में चरमपंथियों और सेना के बीच मुठभेड़ चल रही थी.


हमले की जानकारी देते हुए जम्मू रेंज के आईजी राजेश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ''गुरूवार की सुबह लगभग पौन सात बजे तीन-चार चरमपंथी सेना की वर्दी पहने हुए एक ऑटो में हीरानगर पुलिस थाने पर हमला कर दिया. सबसे पहले उन्होंने थाने के बाहर मौजूद संत्री को मारा फिर उसके बाद थाने के अंदर घुसे. वहां उन्होंने तीन पुलिसकर्मी को मार दिया.''राजेश कुमार ने कहा कि पुलिस थाने पर हमले के बाद चरमपंथियों ने एक ट्रक को अपने क़ब्ज़े में लिया. उनके अनुसार चरमपंथियों ने ट्रक के कंडक्टर को मार दिया और ड्राईवर के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सांबा ज़िले की तरफ़ भाग गए.

आईजीपी के अनुसार मदद के लिए राज्य पुलिस, सीआरपीएफ़ और सेना की अतिरिक्त टुकड़ी भेज दी गई है.गोलीबारीचरमपंथी हमला हिंदू बहुल कठुआ ज़िले में हुआ, जो पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है. अपना नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया, ''चरमपंथी पुलिस थाने के गेट पर एक नागरिक की हत्या कर पुलिस थाने में घुस गए और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.''हमले की यह घटना भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से अमरीका में संभावित मुलाक़ात की ख़बर आने के एक दिन बाद हुई है. दोनों नेताओं के रविवार को मिलने की संभावना है.पिछले पाँच साल से जम्मू कश्मीर में चरमपंथी घटनाओं में कमी आ रही थी. लेकिन इस साल संसद हमले में दोषी ठहराए गए अफ़जल गुरु को फ़ांसी दिए जाने के बाद इन हमलों में तेज़ी देखी गई है.पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बहुत से युवा, जिनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र भी शामिल हैं, चरमपंथी गुटों में शामिल हो रहे हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh