Varanasi: फेसबुक यानि दोस्ती. फेसबुक यानि गपशप. फेसबुक यानि बिछड़ों को मिलने का अड्डा. फेसबुक यानि फेकबुक. इतनी सारी परिभाषाओं के बाद एक नयी परिभाषा भी है. फेसबुक यानि सेलबुक. सेलबुक नहीं समझे? अजी चीजें खरीदने और बेचने का अड्डा. आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बला है तो परेशान होने की जरूरत नहीं. यही तो बताने जा रहे हैं हम कि फेसबुक आखिर सेलबुक कैसे बन रहा है.


कुछ बेचना है? facebook पर डाल दे सोशल नेटवर्क साइड फेसबुक एडिक्ट लोगों के बीच कुछ वक्त पहले एक जुमला खासा फेमस था। किसी ने कुछ भी अच्छा कहा तो तुरंत कमेंट आता था, यार इसको फेसबुक पर डाल दे। अब जरूरत के हिसाब से कमेंट बदल चुका है। अब तो लोग कहते हैं कि कुछ बेचना है, भाई फेसबुक पर डाल दे। अब तक सोशल नेटवर्क बढ़ाने वाले फेसबुक अब खरीदने और बेचने का नया और पॉपुलर अड्डा बनता जा रहा है। खुद आपने भी कई लोगों को कुछ खरीदने या बेचने की रिक्वेस्ट करते देखा हो तो बड़ी बात नहीं। यहां भी सबकुछ बिकता है


ये कहना गलत न होगा कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक आज कल दोस्ती और गपशप नहीं बल्कि बिजनेस डील का अड्डा बनता जा रहा है। काफी लोग यूज्ड सामानों को एफबी के जरिए बेचने की जुगत में लगे हैं। जबकि कई ऐसे भी हैं जो अपने जरूरत का सेकेंड हैंड सामान एफबी के जरिये हासिल करना चाह रहे हैं। ऐसा नहीं है कि एफबी के जरिए सिर्फ छोटी मोटी चीजें बिक रही है बल्कि एफबी के माध्यम से लोग अपनी पुरानी कार से लेकर स्मार्ट फोन और दवाएं तक बेच रहे हैं। Popularity है मेन वजह

बिछड़ों और पुराने दोस्तों को मिलाने का काम करने वाला फेसबुक क्लॉसिफाईड एड का अड्डा यूं ही नहीं बन रहा। इसके पीछे भी खास वजह है। इसकी मेन वजह है एफबी की पॉपुलेरिटी और इसकी एक बड़े पॉपुलेशन तक रीच। कम्प्यूटर के बाद अब हर कोई मोबाइल के थ्रू एफबी से 24 घंटे कनेक्ट रहता है। इसके कारण दिनभर इस पर होने वाले अपडेट की पल-पल की जानकारी लोगों को मिलती है। यही वजह है कि लोग अब फेसबुक पर लोग अपनी पुरानी चीजों की डिटेल अपलोड कर इस जल्द से जल्द बेचने में जुट गए हैं। फट से बिक गया फोन महमूरगंज के रोहित अग्रवाल बताते हैं कि पिछले हफ्ते उन्होंने एक नया आईफोन परचेज किया। इस वजह से वो अपना पुराना यूज्ड एंड्रायड फोन को बेचना चाहते थे। इसके लिए पुराने सामानों को सेल करने वाली वेबसाइट पर उन्होंने अपने फोन को बेचने का एड डाला। हालांकि एक दो रिस्पॉन्स के बाद कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। खेल ही खेल में उन्होंने एक दिन अपने फोन संग उसकी थोड़ी सी डिटेल एफबी पर लोड की और पुराना सेल दो दिन में अच्छी कीमत में बिक गया। देखा देखी बढ़ रही बिक्री

कुछ महीनों के अंदर ही फेसबुक सेलबुक बना नजर आ रहा है। ये ट्रेंड देखा देखी है। दूसरों को अपनी चीजें बेचता देख नये लोगों को इससे आइडिया मिल रहा है। नतीजा ऐसा एड देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो लोग चीजें खरीदने के लिए डिमांड भी करने लगे हैं। जो चीजें बिक रही है उसमें कार, बाइक, साइकिल, मोबाइल, के अलावा लोग अपने पुराने यूज्ड किए जूते और यूज्ड किए गए हॉर्न और लाइट्स भी सेल करने के लिए अपलोड कर रहे हैं।Suggestions  का भी अड्डाफेसबुक पर सिर्फ दोस्ती, पुराने सामानों की खरीद फरोख्त ही नहीं हो रही है बल्कि इसके जरिए लोग किसी काम के लिए सजेशन भी मांग रहे हैं। फेसबुक वॉल पर कोई नई चीज खरीदने से लेकर शादी के लिए दोस्तों से सजेशन लेने का चलन तेजी से बढ़ रहा है।क्यों सेलबुक बन रहा फेसबुक?- इंडिया में सबसे पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक है। - इंटरनेट जानने वाले मैक्सिमम लोग यूज करते हैं फेसबुक को।- स्मार्टफोन्स से अब लोग 24 घंटे कनेक्ट रहते है एफबी से। - एफबी के किसी भी पोस्ट पर सबसे क्विक रिस्पॉन्स आता है।
- पुरानी चीजों की खरीद-बिक्री की अन्य साइट से ज्यादा लोग फेसबुक पर विजिट करते हैं। - खरीद-बिक्री कराने वाले वेबसाइट पर लोग जरूर पर जाते हैं जबकि एफबी लगभग रोज ही यूज करते हैं।- खरीद-बिक्री साइड पर दोस्तों यारों का सजेशन नहीं मिलता जबकि फेसबुक पर ये पॉसिबल है। "मैंने अपनी पुरानी कार को सेल करने के लिए अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट डाली। पोस्ट डालने के कुछ ही मिनट के बाद मुझे रिस्पॉन्स मिलना शुरू हो गया। तब मुझे लगा कि ये ज्यादा अच्छा प्लेटफार्म है। सौरभ श्रीवास्तव, महमूरगंजफेसबुक पर जब मैंने लोगों को अपनी पुरानी चीजों को सेल करने का एड डालते देखा तो मैंने भी अपने यूज्ड सेलफोन को सेल करने का एड डाल दिया। इसका रिस्पांस जबरदस्त मिला।रितिक खन्ना, चौकये अच्छा तरीका है। अगर सोशल नेटवर्किंग साइट पर पुरानी चीजों को बेचा जा रहा है तो लोग इनको आसानी से ले सकते हैं। क्योंकि हर कोई पुरानी चीजों को सेल करने वाली साइट्स पर नहीं जाता।प्रिया अग्रवाल, सिगरा

Posted By: Inextlive