2098 तक फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कब्रिस्‍तान बन जाएगा। फेसबुक पर जिस तरह से जीवित लोगों की तुलना में मृत फेसबुक यूजर्स की संख्‍या बढ़ रही है। ऐसे में एक्‍सपर्ट का मानना है कि आने वाले कुछ दशकों में यह सोशल मीडिया एक डिजिटल ग्रेवयार्ड बन चुका होगा।

मृत यूजर्स का एकाउंट नहीं होगा डिलीट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2098 तक फेसबुक के जिंदा यूजर्स की तुलना में मृत यूजर्स की संख्या में कहीं ज्यादा हो जाएगी। दरअसल फेसबुक ने उन यूजर्स को एकाउंट डिलीट करने से मना कर दिया है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। फिलहाल फेसबुक पर 1.5 बिलियन यूजर्स हैं और एक ऑनलाइन लेगेसी प्लॉनिंग कंपनी 'द डिजिटल बियांड' का कहना है कि इनमें से लाखों की संख्या ऐसे लोगों की हैं जो कि जीवित नहीं होंगे। इन यूजर्स की तौत के बाद लोग उनके प्रोफाइल्स को एक डिजिटल स्मारक या समाधि के तौर पर समझने लगते हैं। ऐसे लोगों की याद करने के लिए मृतकों के परिजन इन डिजिटल समाधियों पर आएंगे और उनके जीवन की बातों की यादें ताज करेंगे।

मरने वाले ज्यादा

अमेरिकी यूजर्स की मृत्यु दर के आंकड़ों से दुनिया के अन्य हिस्सों के यूजर्स के बारे में अनुमान लगाना भी उचित नहीं होगा। अमेरिका की 70 फीसदी से अधिक वयस्क जनसंख्या फेसबुक पर है और लोगों की मौतें अभी भी हो रही हैं। गौरतलब हो कि वर्ष 2013 में वेब कॉमिक एक्सकेसीडी के रैंडल मुनरो ने इस बात का अनुमान लगाने की कोशिश की थी कि फेसबुक कब डिजिटल ग्रेवयार्ड (कब्रिस्तान) में बदल जाएगा। खैर लेगेसी कंपनी का दावा है कि इस साल दुनियाभर के 970000 फेसबुक यूजर्स दुनिया को अलविदा कह जाएंगे। 2010 में यह आंकड़ा 385968 था, जो 2012 में बढ़कर 580000 हो गया था।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari