-मास्टरमाइंड की तलाश में बरेली पहुंची थी राजस्थान पुलिस

-दबिश पड़ने से पहले फरार हो गया मुख्य आरोपी

BAREILLY :

5 जून को बाड़मेर में राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आए फेक इंडियन करेंसी के तीन बड़े सप्लायरों के तार बरेली से जुड़े हैं। इनका मास्टर माइंड भी फरीदपुर के जेड गांव का रहने वाला है, जो बीते दो वर्षो में अब तक कई करोड़ रुपए की फेक करेंसी बार, होटल और सिनेमा घरों में सप्लाई कर चुका है। मास्टर माइंड की तलाश में बरेली पहुंची राजस्थान पुलिस ने थर्सडे सुबह उसके घर पर दबिश भी दी, लेकिन इससे पहले वह फरार हो गया।

लाखों रुपए सप्लाई करते थे प्रतिदिन

फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव जेड निवासी शकील खान 35 वर्ष, महेन्द्र जैन 33 वर्ष और सोनू उर्फ साहिल 19 वर्ष राजस्थान में किराए पर रहते हैं। तीनों युवक रामगंज थाना क्षेत्र के मौलाना की दरगाह के पास दो वर्ष से किराए पर रहते थे। राजस्थान पुलिस ने बताया कि उन्हें मुखबिर से लगातार फेक इंडियन करेंसी सप्लाई किए जाने की सूचना मिल रही थी। जब इसकी निगरानी की गई तो पता चला कि यूपी के बरेली से राजस्थान तक जाली नोट सप्लाई करने का बड़ा कारोबार चल रहा है, जिसके बाद पुलिस ने सटीक सूचना पर 5 जून को बाड़मेर के जलैब चौक स्थित पुरानी विधानसभा भवन के गेट के सामने से शकील खान और महेन्द्र जैन को माणक चौक थाना पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका साथी न्यू गेट सिनेमा हॉल की तरफ गया है। पुलिस ने उनके पास से तलाशी ली तो दो-दो हजार के सात नोट मिले।

मास्टर माइंड की तलाश

बरेली से राजस्थान तक सप्लाई किए जा रहे नकली नोट को सप्लाई करने वाले तीन युवक तो पुलिस गिरफ्त में आ गए, लेकिन तीनों ने अभी तक अपने मास्टर माइंड का सही पता नहीं बताया है। पूछताछ तीनों ने बताया कि वह दो वर्ष से लगातार जाली नोट की सप्लाई करने का काम रहे थे। वह प्रतिदिन बियर बार, सिनेमा हाल और होटल्स में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख रुपए फेक करेंसी की सप्लाई करते थे, जिसके बाद पुलिस जाली नोट सप्लाई करने वालों के साथियों की तलाश में बरेली पहुंची, लेकिन इसकी भनक पहले ही आरोपियों को लग गई। जब तक पुलिस जेड गांव पहुंची आरोपियों के साथी घर छोड़कर फरार हो गए।

कहां से आए प्रिंटेड नोट

राजस्थान के बाड़मेर रामगंज थानाधिकारी चैनाराम बेड़ा ने बताया कि जाली नोट उच्च क्वालिटी के प्रिन्ट किए हुए हैं। पहली बार देखने पर नोट असली लगते हैं। इस तरह के नोट बगैर मशीन के पकड़ पाना मुश्किल है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी काफी समय सप्लाई कर रहे थे। फिलहाल पुलिस को शक है मास्टरमाइंड के तार आईएसआई से जुडे़ हो सकते हैं। इसके लिए पुलिस गहराई से पड़ताल में जुटी है। पकड़े गए तीनों युवक मास्टर माइंड से नोट लेते रहे हैं। इस वजह वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि फेक करेंसी कहां से आती थी।

Posted By: Inextlive