बीसलपुर और बुखारा-फरीदपुर में बिल्डर्स ने फ्लैक्सी लगा दिखाया मकान देने का सपना

बीडीए की कंप्लेन पर सीडीओ ने दिए जिला पंचायत को जांच व कार्रवाई के निर्देश

जांच में बिल्डर्स ने दी सफाई, लेकिन फ्लैक्सी लगाने और झंडी हदबंदी कराने पर सवाल

BAREILLY:

अवैध कब्जे व निर्माणकार्यो के मकड़जाल में शहर के बाद अब आउटस्कर्ट एरिया भी चपेट में आ रहे हैं। अवैध कॉलोनीज की बढ़ती तादाद पर लगाम न कस पाने की सरकारी नाकामी ने नई अवैध कॉलोनीज को पैर जमाने का मौका दे दिया है। इसी की आड़ में बीडीए की शहरी सीमा से बाहर दो बिल्डर्स पर अवैध तरीके से प्लॉटिंग करने के आरोप लगे हैं। बीसलपुर रोड और बुखारा-फरीदपुर के गांव धरमपुर के पास खेती लायक जमीन पर दो बिल्डर्स के अपना घर व प्लॉट के लिए फ्लैक्सी बोर्ड लगे हैं। आरोप हैं कि खेती लायक जमीन पर बिना बीडीए की जानकारी के प्लॉट काटकर एक और अवैध कॉलोनी बसाये जाने की तैयारी है। जिसमें अपने घर का सपना संजोए आम आदमी को फांसकर उसे बलि का बकरा बनाए जाने की साजिश है।

बीडीए ने की सीडीओ से कंप्लेन

अवैध निर्माण की जानकारी पर बीडीए वीसी शशांक विक्रम की ओर से विकास भवन सीडीओ शिव सहाय अवस्थी को मामले की जानकारी दी गई। वीसी, बीडीए ने 18 नवंबर 2015 को सीडीओ को लेटर भेजकर बीसलपुर रोड पर शाइनी ग्रीन्स के नाम से निर्माण होने और बुखारा फरीदपुर रोड पर धरमपुर गांव के पास अमाया सिटी का निर्माण होने की कंप्लेन की। वीसी ने सीडीओ से अपने स्तर पर दोनों मामलों में कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। बीडीए की कंप्लेन पर सीडीओ ने बिना अनुमति कॉलोनी बसाने के लिए प्लॉटिंग करने के मामले को गंभीर माना और 20 नवंबर को जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी को मामले की जांच के निदर्1ेश दिए।

जांच में मिला निर्माण व फ्लैक्सी

सीडीओ की ओर से मामले की जांच के आदेश पर जिला पंचायत के एई डीपी यादव ने 27 नवंबर को विवादित साइट का दौरा किया। एई ने दोनों स्थलों की जांच कर 19 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट बीडीए व सीडीओ को सौंपी। रिपोर्ट में बीसलपुर रोड में शाइनी ग्रीन्स की प्लाटिंग के इंस्पेक्शन के दौरान फ्लैक्सी बोर्ड लगा होने और करीब 60 वर्ग मीटर जमीन में एक भवन निर्माण की बात कही गई। साथ ही जमीन के चारों ओर नीली-लाल झंडियों से हदबंदी की गई थी। वहीं बुखारा-फरीदपुर रोड के धरमपुर गांव के पास अमाया सिटी निर्माण के इंस्पेक्शन में सिर्फ अमाया सिटी की फ्लैक्सी मिली, कोई निर्माण कार्य नहीं देखा गया।

मंशा साफ तो फ्लैक्सी क्यों

जांच रिपोर्ट में दोनों विवादित स्थलों का इंस्पेक्शन करने के बाद का एई के दोनों डेवलेपर्स कंपनी के डाइरेक्टर से मिलने की बात कही गई। रिपोर्ट में अमाया सिटी व शाइनी ग्रीन्स डाइरेक्टर्स ने फिलहाल जमीन का रजिस्ट्रेशन न करने और प्लाटिंग करने के लिए किसी तरह का मैप न बनवाने की बात कही गई। जानकारों ने बिल्डर्स के इन बयान से उनकी मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। यदि जमीन पर प्लॉटिंग की योजना ही नहीं तो वहां फ्लैक्सी बोर्ड लगा अपना घर का सब्जबाग क्यों दिखाया जा रहा। साथ ही भवन निर्माण व झंडियों से घेरबंदी करने का क्या मतलब है। जानकारों ने बताया कि दरअसल निजी बिल्डर्स ऐसे फ्लैक्सी से लोगों को सस्ती दरों पर प्लॉट-घर खरीदने का

लालच दिखा उनसे अग्रिम भुगतान कर लेते हैं। फिर मिली रकम से ही जमीन खरीद कर अवैध तरीके से प्लाटिंग को अंजाम देते हैं।

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Posted By: Inextlive