देहरादून में फेमस पांचोई मेले का आरंभ हो गया है और पहले दिन श्रद्धालुओं ने नाणसा देव के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।

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DEHRADUN: चकराता ब्लॉक अंतर्गत विशलाड़ खत के जोगियो पंचायत में वेडनसडे को पांचोई मेला धूमधाम से मनाया गया. मेले का जश्न मनाने जौनसार की चार खतों से जुड़े करीब पच्चीस गांवों के सैकड़ों लोग पांचोई थात में जुटे. जोगियो मंदिर के गर्भगृह से नाणसा देवता की देव पालकी को गाजे-बाजे के साथ बाहर लाया गया. इस दौरान नाणसा देवता के जयघोष गुंजायमान रहे. लोगों ने पालकी के दर्शन कर सुख-शांति की कामना की.

देव पालकी के किए दर्शन

वेडनसडे को जेठ की संक्राति के दिन जोगियो के पांचाई थात में नाणसा देवता की देव पालकी के दर्शन को चार खतों के सैकड़ों लोग जुटे. पांचोई मेले का जश्न मनाने आए विशलाड़, द्वार, अठगांव, मणखत से जुड़े करीब पच्चीस गांवों के लोगों ने जोगियो मंदिर के गर्भगृह से नाणसा महाराज की देव पालकी के गाजे-बाजे के साथ बाहर आने पर देवता के जयकारे लगाए. लोक मान्यतानुसार जोगियो मंदिर से सालभर में एक बार जेठ की संक्राति को नाणसा महाराज की देव पालकी को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए बाहर निकाली जाती है. देव पालकी के बाहर आने पर जोगियो के पास पांचोई थात में मेला लगता है.

जोर शोर से जश्न

मेले का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने ढ़ोल-दमोऊ की थाप पर जौनसारी परपंरागत लोकनृत्य हारुल, जैंता, रासौ व तांदी-नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा. स्थानीय लोगों व महिलाओं ने सामूहिक रूप से लोक-नृत्य की प्रस्तुति से नाणसा देवता की स्तुति की. पांचोई मनाने आए लोगों ने नाणसा महाराज के गर्भगृह से बाहर आने पर देव पालकी को कंधा लगाया और देवता के दर्शन कर मनौती मांगी. पांचोई थात में जुटे सैकड़ों लोगों ने देर शाम तक मेले का जश्न मनाया गया. शाम को मेला संपन्न होने के बाद देव पालकी को वापस मूल मंदिर जोगियो लाया गया. स्थानीय लोगों ने कहा पांचोई मेला क्षेत्र की खुशहाली का प्रतीक है. लोगों ने देव आराधना के बाद सभी क्षेत्रवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की.

Posted By: Ravi Pal