-एमडीए के मुआवजा नीति की करेंगे शिकायत

-शताब्दी नगर योजना की तर्ज पर मांग रहे मुआवजा

Meerut: अतिरिक्त मुआवजा न मिलने से आहत चल रहे गंगानगर के किसान सीएम से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाएंगे। गंगानगर योजना से तीन बसें भर कर किसान फलावदा स्थित रैली स्थल पहुंचेंगे और सीएम से मिलकर एमडीए की मुआवजा नीति के खोट का खुलासा करेंगे।

क्या है मामला

मेरठ विकास प्राधिकरण ने क्989 में गंगानगर एक्सटेंशन योजना के लिए ख्ब्म् एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। योजना के किसानों ने जिला प्रशासन द्वारा घोषित अवार्ड उठाने के बाद प्राधिकरण से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की थी, जिसके चलते किसान एमडीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। हालांकि कोर्ट का आदेश दिखाते हुए एमडीए ने योजना की ब्ख् एकड़ जमीन पर जबरन कब्जा ले लिया था। तब से एमडीए शेष ख्0ब् एकड़ भूमि पर किसानों का कब्जा चला आ रहा है।

मुआवजा नीति में खोट

किसानों का कहना है कि क्989 में एमडीए ने गंगानगर, शताब्दीनगर, लोहियानगर व वेदव्यासपुरी की जमीन अधिग्रहण की थी। एमडीए ने शताब्दीनगर के किसानों को म्90, जबकि गंगानगर को ख्क्0 व लोहियानगर व वेदव्यासपुरी को क्म्भ् रुपए का ही मुआवजा दिया। अब गंगानगर के किसानों की मांग है कि उनकों भी शताब्दीनगर के किसानों की तर्ज पर ही मुआवजा दिया जाए।

एमडीए अपनी ही योजनाओं में अलग-अलग मुआवजा नीति अपना रहा है, जो नियम कायदों के खिलाफ है। जब शताब्दीनगर के किसानों को म्90 रुपए दिए गए हैं तो गंगानगर कि किसानों को उसी तर्ज पर मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा। सीएम से मिलकर पूरे मामले को उठाया जाएगा।

- हरविंदर सिंह, महामंत्री गंगानगर योजना किसान संघर्ष समिति

किसानों की बात प्रशानिक स्तर पर चल रही है। डीएम ने किसानों से वार्ता कर उनका पक्ष जाना है। अब एमडीए को उस पर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

राजेश यादव, वीसी एमडीए

Posted By: Inextlive