-एमएनएनआइटी में शुरू हुआ कलरव का कोलाहल

ALLAHABAD: मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव कलरव शनिवार से शुरु हो गया। पूरे संस्थान को स्ट्रीट्स ऑफ इंडिया की थीम पर सजाया गया। पांच दिवसीय उत्सव की पहली शाम मशहूर कवियों के नाम रही। संस्थान के एमपी हॉल में पद्मश्री अशोक चक्रधर समेत ख्याति प्राप्त रचनाकारों ने काव्यपाठ के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा

अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री अशोक चक्रधर ने पढ़ा, तू अगर दरिंदा है तो मसान तेरा है, तू अगर परिंदा है तो आसमान तेरा है। वहीं अलीगढ़ के डॉ। विष्णु सक्सेना ने सुनाया रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, इक लहर आएगी कुछ बचेगा नहीं, तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया, पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं। इसके बाद कहा, इतने भोले हैं ये लड़के जानते ही नहीं, एक मुस्कान पर ही जीवन गुजार देते हैं।

मेरी खातिर नीबू पानी

संचालन कर रहे डॉ। श्लेष गौतम ने कहा कि हमारा जिस्म बोलेगा हमारी जान बोलेगी, हमारे रूह की पाकीजगी की शान बोलेगी। वहीं बड़ोदा से आए कर्नल वीपी सिंह ने कहा देश मिटटी हवा पानी से बना है, देश पुरखों की कहानी से बना है, सुनाकर वाहवाही लूटी। डॉ। कमलेश द्विवेदी ने कहा मेरी खातिर नीबू पानी अपनी खातिर जाम लिखा, पर पीने वालों में उसने मेरा पहला नाम लिखा।

हिफाजत कौन करता है

जबकि राजस्थान से आई कविता किरण ने नजर के जाम की खुशबू, हसीं पैगाम की खुशबू, तेरे कांधे पे रखके सर गुजारी शाम की खुशबू सुनाया। बोलीं इबादत कौन करता है, इनायत कौन करता है सभी हैं लूटने वाले हिफाज़त कौन करता है।

Posted By: Inextlive