आरआरटीएस के संचालन के बाद बदलेगी एनसीआर की सूरत

विकास एवं राजस्व विभागों से शासन मांग रहा फीडबैक

Meerut। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) पर शासन विभिन्न विभागों से फीडबैक जुटा रहा है। दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर पर एक ओर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रही है तो वहीं राज्य सरकार योजना की मूर्तरूप देने के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर कार्य कर रही है। हाल ही में शासन के निर्देश पर मेरठ विकास प्राधिकरण समेत विभिन्न विभाग आरआरटीएस के दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर पर अपना फीडबैक सरकार और नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) दे रहे हैं। एमडीए वीसी साहब सिंह ने बताया कि सरकार ने आरआरटीएस को लेकर टेक्निकल, फाइनेंशियल एवं अन्य बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। नियोजन विभाग को जानकारी मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।

एमडीए से मांगा फीडबैक

निर्देश के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण, सरकार और एनसीआरटीसी को कॉरीडोर के संबंध में टेक्निकल और फाइनेंशियल जानकारी दे रहा है। एमडीए वीसी साहब सिंह ने बताया कि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर के एलाइंगमेंट एवं विभिन्न बिंदुओं पर राय मांगी गई है। नियोजन विभाग कॉरीडोर से मेरठ के विकास में आने वाले बदलाव और प्रभाव का आंकलन भी कर रहा है। उन्होंने बताया कि आरआरटीएस केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिससे एनसीआर में गतिशीलता बढ़ेगी तो वहीं मेरठ तक न्यू एनसीआर रीजन डेवलेप होंगे। विकास के परिपेक्ष्य में होने वाले बदलाव को रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शहरीकरण क्षेत्र में विस्तार के बाद चुनौतियों और संभावनाओं पर भी प्राधिकरण अध्ययन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। टेक्निकल, डिजाइनिंग और फाइनेंशियल आधार पर योजना का आंकलन किया जा रहा है।

अन्य विभागों से भी मांगी जानकारी

मेरठ विकास प्राधिकरण के अलावा अन्य विभागों से भी दिल्ली-मेरठ कॉरीडोर पर शासन ने सवाल किया है। जिला प्रशासन से भूमि अधिग्रहण के संबंध में जानकारी मांगी है तो वहीं रजिस्ट्री विभाग बताएगा कि प्रोजेक्ट के आने से प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर क्या असर पड़ेगा? इतना ही नहीं सरकार सर्किल रेट्स से लेकर प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर नए प्रावधान भी लागू करने पर विचार कर रहा है। राजस्व विभाग योजना के परिपेक्ष्य में होने वाली विभिन्न बढोत्तरी की जानकारी देगा।

Posted By: Inextlive