- सिटी में चल रही थी दो महिला मिनी बसें

- जिनके लिए पांच महिला कंडक्टर्स भी हुई थी अप्वाइंट

- लोड कम होने की वजह से अधिकारियों ने लिया फैसला

- महिलाओं ने एमसीटीएसएल के फैसले को बताया गलत

Meerut : बुधवार को महिला बसों का अंत कर दिया गया। अब सड़कों पर महिला बसें नहीं दिखाई देंगी। अचानक बसें बंद होने से कई महिलाएं महिला बसों के इंतजार में खड़ी रही, लेकिन मौके पर बसें नहीं आई। उन्हें दूसरी बसों में सफर करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि महिला बसों को बंद करने के कई कारण थे। आखिर क्या थे वो कारण आइए आपको भी बताते हैं

नहीं मिल रही थीं सवारियां

अधिकारियों की मानें तो महिला बसों को बिल्कुल भी सवारियां नहीं मिल रही थी। मेडिकल से सिवाया तक तक चलने वाली ये बसें कई बार खाली ही चला करती थी। ऐसे में उन्हें चलाने का कोई मतलब नहीं लग रहा था। गौरतलब है कि सिटी में महिला दिवस के मौके पर दो महिला बसों को रन किया गया था।

मोबिलिटी फंड नहीं आ रहा था

मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के जीएम संदीप लाहा ने बताया कि इन बसों को चलाने के लिए फ्0 लाख रुपए हर महीने शासन की ओर से आना था, लेकिन नहीं आया। ड्राइवर्स, कंडक्टर्स, बसों की सर्विस और फ्यूल का खर्चा उठाना काफी मुश्किल हो रहा था। ऐसे में उन्हें रन कराना काफी मुश्किल लग रहा था।

खर्चा हो रहा आमदनी से चार गुना

जीएम संदीप लाहा ने बताया कि बसों को चलाने में हर किलोमीटर ख्भ् रुपए का खर्चा हो रहा था। जबकि कमाई सिर्फ म् रुपए किलोमीटर थी। जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। जो डिपार्टमेंट की नाजुक हालत को देखते हुए ठीक नहीं था। इसलिए बसों को बंद करना बेहतर समझा।

डीएम से मिली परिचालक

महानगर में चल रही महिला बस सेवा बंद कर दी गई हैं। साथ ही संविदा पर लगी परिचालकों को भी बाहर करने का नोटिस थमा दिया गया है। परेशान महिला परिचालक बुधवार को डीएम पंकज यादव से मिलीं। परिचालकों की मांग पर डीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक को उनसे कार्य लेने के आदेश दिए हैं।

योग्यता पर दिया जाए कोई काम

महिला परिचालकों ने बताया कि उनकी नियुक्ति आठ मार्च-क्फ् को हुई थी। यह नियुक्ति लखनऊ से मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड सर्विसेज में हुई थी। नियुक्ति के दिन से ही वह महिला बस पर कार्यरत हैं। अचानक नौ दिसम्बर को एक नोटिस बिना सूचना के लगाकर उन्हें अवगत कराया कि महिला बस बंद हो गयी है। बुधवार से वह अपनी ड्यूटी पर न आएं। ऐसी पांच महिला संविदा परिचालक हैं। इनमें आंचल त्यागी, दीपांजली, श्वेता शर्मा, दीपांशु और शाहिबा शामिल है। उनकी मांग थी कि उन्हें योग्यता के आधार पर ऑफिस में नियुक्त किया जाए। रोजगार न होने से वह परेशान हैं। डीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक को आदेश दिए हैं कि पांच महिला परिचालकों को सेवामुक्त न करते हुए कार्य लिया जाए।

Posted By: Inextlive