भगवान श्रीकृष्ण और राधा की तस्वीर ईश्वर और भक्ति का प्रतीक है। यह प्रेम भावना और समर्पण का सूचक है इसलिए प्रेम-भाव में डूबी श्रीकृष्ण-राधा की तस्वीर घर में लगाने से दाम्पत्य संबंधों में मधुरता आती है नीरसता का अंत होता है।

फेंगशुई का विज्ञान इसी बात पर जोर देता है कि अधिक से अधिक सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए ऐसे उपाय अपनाए जाए, जिनमें कम से कम साजो-समान, प्रयास या समय खर्च करना पड़े। इसी क्रम में इस विज्ञान के अनुसार, सुंदर तस्वीरों के माध्यम से भी अच्छी ऊर्जा का संचार घर में किया जा सकता है।

इस उपाय के भारतीय संदर्भ में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर श्रेष्ठ मानी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण भारतीय जनमानस के बीच कर्म के साथ ही प्रेम और आनंद की प्रतिमूर्ति माने जाते हैं, इसलिए बंशी बजाते भगवान श्रीकृष्ण की राधा के साथ मूर्ति को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में लगाना रिश्तों में प्रेम बढ़ाने वाला माना गया है।

इस तस्वीर में कुछ और विशेषता भी होनी चाहिए। जैसे राधा और कृष्ण किसी बगीचे में खड़े हों और उनके आस-पास तस्वीर में मोर भी शामिल हो।

फेंगशुई के नियमानुसार, ऐसी तस्वीर परिवार और संबंधों की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि फेंगशुई में जहां बंसी का उपयोग घर के बीम और गार्डर का दोष मिटाने में भी उपयोग किया जाता है, वहीं इसकी मधुर ध्वनि सकारात्मक ध्वनि तरंगों का संचार करने वाली होती है।

भगवान श्रीकृष्ण और राधा की तस्वीर ईश्वर और भक्ति का प्रतीक है। यह प्रेम, भावना और समर्पण का सूचक है, इसलिए प्रेम-भाव में डूबी श्रीकृष्ण-राधा की तस्वीर घर में लगाने से दाम्पत्य संबंधों में मधुरता आती है, नीरसता का अंत होता है।

इसी प्रकार श्रीकृष्ण के मुकूट का मोर पंख सुख-समृद्धि का सूचक है, जिसका सकारात्मक प्रभाव घर-परिवार में खुशहाली लाता है। इस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर कर्म के लिए ही प्रेरित नहीं करती, बल्कि दाम्पत्य जीवन में स्नेह और प्यार की भावना पैदा करती है। वहीं माता राधिका की तस्वीर से समर्पण भावना जागती है।

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Posted By: Kartikeya Tiwari