-अंबर तालाब के नाली में फेंका गया था भ्रूण

-तीन महीने से अधिक का है मिला हुआ भ्रूण

ROORKEE (JNN) : अंबर तालाब में नाली में भ्रूण मिलने पर क्षेत्रवासियों ने रोष जताया। सफाई कर्मचारियों व क्षेत्रवासियों ने भ्रूण को नगर निगम के कूड़ेदान में डाल दिया। सैटरडे की सुबह नगर निगम के सफाई कर्मचारी अंबर तालाब में साफ-सफाई का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान सफाई कर्मचारियों की नजर नाली में पड़े भ्रूण पर पड़ी। सफाई कर्मचारियों ने भ्रूण होने की जानकारी नगर निगम अधिकारियों को दी।

लोगों ने की कार्रवाई की मांग

जानकारी मिलने पर कुछ देर बाद मोहल्ले के लोग भी वहां एकत्रित हो गए। आनन-फानन में भ्रूण को नगर निगम के रघुनाथ प्लॉट स्थित कूड़ेदान में डाला गया। भ्रूण मिलने की जानकारी मिलने पर प्लॉट पर भीड़ बढ़ती चली गई। हर कोई भ्रूण फेंकने वाले मां-बाप को कोसने के साथ ही कार्रवाई की मांग कर रहा था। पार्षद प्रताप सिंह, क्षेत्रवासी चारु चंद्र ने बताया कि नालियों में भ्रूण फेंकना परिजनों की संकीर्ण विचारधारा दर्शा रहा है। बताया कि जहां भ्रूण मिला है, वहां बन घरों की दीवार सिविल अस्पताल की चारदिवारी से जुड़ी है। बताया कि एक प्लॉट खाली पड़ा है, जहां से सिविल अस्पताल परिसर की दीवार है।

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आखिर कौन कर रहा मानवता को शर्मशार?

- चौबीस घंटे में दो भ्रूण मिलने से रुड़कीवासी स्तब्ध

- सवालों के घेरे में अल्ट्रासाउंड सेंटर, स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक

ROORKEE (JNN) : आखिर कौन कर रहा मानवता को शर्मशार? आखिर वो कौन है जो दुनिया में आने से पहले ही कोख में नवजात का कत्ल करने से नहीं डर रहे हैं? यह कुछ सवाल हैं, जो समाज में भ्रूण हत्या को बढ़ावा रहे हैं। शहर में धड़ल्ले से अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में मोटी रकम देकर लड़का-लड़की का पता लगाया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर कार्रवाई को गंभीर नहीं दिख रहा है।

मोटे पैसे लेकर कर रहे हैं जांच

रुड़की के निजी नर्सिग होम अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में लिंग परीक्षण न होने के बोर्ड तो लगे हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट दिखाई पड़ रही है। मोटी धनराशि लेकर अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में लिंग परीक्षण किया जा रहा है। चौबीस घंटे के भीतर अंबर तालाब के क्षेत्र में ही दो भ्रूण मिलने से शहरवासी स्तब्ध हैं। जहां भ्रूण मिल रहे हैं, वहां से सिविल अस्पताल की चारदिवारी जुड़ी है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कौन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी इस तरह के कार्यो को अंजाम दे रहा है। जानकारों की माने तो बिना चिकित्सक की सलाह व मदद के भ्रूण हत्या नहीं हो सकती है।

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ख्0क्फ् में कर्मी पर लगे थे आरोप

उत्तराखंड बनने के बाद सिविल अस्पताल में तैनात रही महिला स्वास्थ्य कर्मी उत्तर प्रदेश के रिलीव हो गई थी, लेकिन महिला स्वास्थ्यकर्मी द्वारा पुरानी तहसील के समीप सरकारी आवास खाली नहीं किया था। इस आवास में गर्भवती महिलाओं को कुछ दिन रखकर गर्भपात कराती थी। इसकी शिकायत पर प्रशासनिक टीम ने वहां छापा मारा था और कुछ महिलाओं को पाया था। बयान लेने के बाद महिला स्वास्थ्य कर्मी की रिपोर्ट उप्र शासन को भेजी गई थी। प्रशासन ने सरकारी आवास खाली करा दिया था।

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'भ्रूण मिलना गंभीर विषय है। इस बारे में सिविल अस्पताल के सीएमएस से बात की जाएगी। जल्द ही टीम अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी.'

-डा। केसी ठाकुर, एसीएमओ

Posted By: Inextlive