सपने उसी के पूरे होते हैं जो उसके लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। पांच साल की उम्र का एक बच्‍चा फुटबॉल को पैरों से नचा दे तो हैरानी जरूर होगी। यह बच्‍चा आज 15 साल का हो चुका है और वह अब अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्‍ड कप में भारत की तरफ से खेलेगा।


साधारण बच्चा बना बड़ा खिलाड़ीवेस्ट बंगाल में रहने वाले फुटबॉल कोच अशोक मंडल एक दिन सुबह टहलने निकले थे। वह पार्क में पहुंचे ही थे कि उन्होंने एक बच्चे को देखा जो अपने से दोगुनी उम्र के बच्चों के साथ फुटबॉल खेल रहा था। हुनर की बात क्या करें, वो बच्चा उन बड़े खिलाड़ियों को भी इधर-उधर नचा रहा था। अशोक को उसी वक्त लगा कि यह कोई साधारण खिलाड़ी नहीं है। अशोक उस वक्त ऐसे ही हुनरमंद बच्चों को ढूंढ-ढूंढकर ट्रेनिंग दिया करते थे। उन्होंने जब बच्चे से पूछा उसने अपना नाम अभिजीत सरकार बताया, यह अभिजीत आज अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से खेल रहा है। पिता चलाते हैं रिक्शा, मां करती हैं मजदूरी
कोलकाता से करीब 40 किमी दूर हुगली जिले में एक छोटा सा शहर है बंडेल। अभिजीत का घर यहीं पर है, वह करीब 10 सालों से फुटबॉल के गुर सीख रहा है। जिसका नतीजा यह हुआ कि आज वह नेशनल टीम की तरफ से खेलेगा। लेकिन टीम में सेलेक्शन के पीछे कितनी मेहनत छिपी है, यह शायद कोई नहीं समझ सकता। अभिजीत काफी गरीब परिवार से आता है। उसके पिता हरेन एक रिक्शा ड्राइवर हैं, वहीं मां अलका बीड़ी की फैक्ट्री में मजदूरी करती हैं। अभिजीत को जब फुटबॉल खेलने का शौक चढ़ा, तो घर की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि उसे किट दिला सकें। किट की बात तो दूर, अभिजीत के पास फुटबॉल खेलने के लिए जूते तक नहीं थे। इसके बावजूद अभिजीत ने हार नहीं मानी, उसने खेलना जारी रखा। यह हुनर का नतीजा है कि उसका सेलेक्शन पहले जिला और राज्य स्तर पर हो गया।भारतीय टीम की जर्सी नंबर 10 है अभिजीत की पहचानअभिजीत पिछले कई वर्षों से टाटा अकादमी की टीम के लिए खेल रहा था। अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उसे भारतीय फुटबॉल टीम में स्ट्राइकर के तौर पर जगह मिली। भारतीय टीम में उसकी जर्सी का नंबर 10 है। उसके पिता ने बताया कि 22 सितंबर को उन्हें फोन पर खबर मिली कि बेटे को विश्व कप के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। हरेन को इसी बात का दुख है कि वह नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम जाकर अपने बेटे को खेलते नहीं देख पाएंगे, क्योंकि मां बीमार है। मां ने कहा कि जिस तरह देश टीवी पर भारतीय टीम को देखेगा, उसी तरह वे बेटे को टीवी पर खेलते देखेंगी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari