- सीएम ने की पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसिएशन कोर्स की शुरुआत

- एफटीआई पुणे के सहयोग से राज्य में पहली बार कार्यशाला का हो रहा आयोजन

DEHRADUN: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड की जल्द ही फिल्म डेस्टीनेशन के रूप में अपनी अलग पहचान बनेगी। यह बात सीएम ने वेडनसडे को रिंग रोड स्थित सूचना भवन में पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने एफटीआई पुणे का आभार जताते हुए कहा कि इस तरह के कोर्स हर जिले में आयोजित किए जाएंगे।

 

युवाओं को मिलेगा रोजगार

सीएम की पहल पर राज्य में पहली बार सूचना भवन में पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स की शुरुआत हुई। इस मौके पर सीएम ने कहा कि फिल्म शूटिंग से राज्य में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त होता है। फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने शूटिंग शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है। एफआईटी के सहयोग से आयोजित एप्रिसिएशन कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जिससे राज्य के युवाओं को फिल्म निर्माण संबंधी तकनीकों की जानकारियां आसानी से प्राप्त हो पाएंगी। इससे यहां फिल्म निर्माताओं को स्किल्ड मैनपावर भी मिलेगा। बेहतर लॉ-एन-ऑर्डर होने के कारण राज्य में अनुकूल माहौल है। सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड की खूबसूरती को फिल्मों के जरिए देश-दुनिया तक पहुंचाया जाए.

 

10 जून तक जारी रहेगा कोर्स

महानिदेशक सूचना व मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिल्म विकास परिषद डॉ। पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर उत्तराखण्ड में पहली बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। एफटीआई पुणे व उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में 6 से 10 जून तक सूचना भवन रिंग रोड में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में युवाओं को एफटीआई पुणे से आये विशेषज्ञों द्वारा फिल्म विधा से जुड़ी बारीकियों की जानकारी दी जाएगी। दून के बाद ये कोर्स अल्मोड़ा व टिहरी में भी संचालित किए जाएंगे। इस मौके पर अपर निदेशक सूचना डॉ। अनिल चंदोला, सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, कोर्स डायरेक्टर पंकज सक्सेना आदि उपस्िथत रहे।

 

कोर्स को आए 126 एप्लीकेशंस

बताया गया है कि फिल्म एप्रिसिएशन कोर्स को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है। पहली बार आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभाग करने के लिए अब तक कुल 126 एप्लीकेशंस बोर्ड को हासिल हुए हैं। एफटीआई के डायरेक्टर भूपेंद्र कैंथेला ने कहा कि कार्यशाला से राज्य में फिल्म मेकर्स को तकनीकी रूप से स्किल्ड मैन पावर उपलब्ध होगा। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके लिए काफी कुछ करने की आवश्यकता है। युवाओं को सिनेमा को भी रोजगार के एक विकल्प के तौर पर लेना चाहिए। बताया गया कि उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। हाल ही में राज्य को फिल्म फ्रेंडली राज्य का अवॉर्ड मिला है।

Posted By: Inextlive