RANCHI: स्टेट में शराब कारोबार कर रही मैनपावर कंपनियों पर लगाम कसने के लिए अब उत्पाद विभाग उनपर आर्थिक दंड लगाने की तैयारी में है। उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने कहा कि जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। मैनपावर कंपनियों को पहले भी कई बार गलतियों के लिए नोटिस दिया गया है, लेकिन कंपनी बात मानने को तैयार नहीं है। इसलिए अब उन्हें जुर्माना भरना ही पड़ेगा।

कमजोर उत्पाद कानून

आयुक्त ने कहा कि दूसरे राज्यों की तुलना में झारखंड का उत्पाद कानून काफी कमजोर है। अन्य राज्यों में जहां शराब का कारोबार सरकार कर रही है वहां किसी तरह की गड़बड़ी होने पर गैरजमानती धाराओं के तहत केस दर्ज होता है, लेकिन अपने स्टेट में धाराएं जमानती होने के कारण लोग डरते नहीं हैं।

कंप्लेन से परेशान है विभाग

स्टेट में मैनपावर कंपनियों सोमुख व फ्रंटलाइन के साथ एकरारनामा किया गया है। इन दोनों के कर्मी ही राज्य भर के शराब दुकानों में बैठते हैं और शराब बिक्री करते हैं। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की तरफ से तय रकम तनख्वाह के रूप में मिलती है। दोनों ही कंपनियों के कर्मियों के खिलाफ विभाग को लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं।

एमआरपी से महंगी शराब बेच रहीं कंपनियां (बॉक्स)

शराब की बोतलों पर उसकी एमआरपी लिखी रहती है, इसके बावजूद कंपनियां एमआरपी से अधिक रेट पर शराब की बिक्री कर रही हैं। इसको लेकर कई बार विभाग को शिकायतें की गयी हैं और उत्पाद आयुक्त ने खुद हेल्पलाइन नम्बर जारी कर इसकी सूचना देने का आग्रह किया है। इन नम्बरों पर लगातार अधिक रेट पर शराब बिक्री की शिकायतें आ रही हैं, लेकिन कार्रवाई हो तब तो।

बल की कमी से जूझ रहा विभाग (बॉक्स)

उत्पाद विभाग पहले ही बल की काफी कमी से जूझ रहा है, इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल रहा। सिपाहियों की संख्या 25 प्रतिशत से भी कम हो गयी है जिसके कारण रेड मारना और अनियिमितता पर कंट्रोल करना विभाग के लिए चुनौती बन गया है।

वर्जन

कंपनी के लोगों को कई बार समझाया व नोटिस किया गया है, लेकिन कोई सुधार कहीं नजर नहीं आ रहा है। अब विभाग इन कंपनियों की गलती पर आर्थिक दंड देने का निर्धारण करेगा और कंपनी से फाइन के रूप में शुल्क वसूला जाएगा।

-भोर सिंह यादव, आयुक्त, उत्पाद विभाग झारखंड

Posted By: Inextlive