PATNA : सोमवार को पटना एम्स के जूनियर और सीनियर डॉक्टर जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया पर एफआईआर दर्ज होने के बाद वापस काम पर लौट गए। एम्स के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ एमएन सिंह ने कहा कि डॉक्टरों ने सुरक्षा के लिए मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

जानकारी के अनुसार रविवार शाम एम्स पटना में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार 9 दिन से भर्ती एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार को देखने के लिए पहुंचे थे। डॉक्टरों ने एम्स प्रशासन को बताया था कि कन्हैया और उनके समर्थकों ने डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की। इसके बाद डॉक्टर्स एफआरआर दर्ज करने की मांग को लेकर स्ट्राइक पर चले गए।

सोमवार सुबह जूनियर डॉक्टरों के साथ सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी कार्य बहिष्कार पर एकजुट हो गए। दोपहर अस्पताल प्रबंधन ने मांगों पर आश्वासन देकर कार्य बहिष्कार समाप्त कराया। चिकित्सा अधीक्षक की ओर से कन्हैया कुमार, सुशील कुमार और 80-100 अज्ञात लोगों के

खिलाफ फुलवारीशरीफ थाने में एफआइआर कराई गई है।

प्रशासन ने किया एफआईआर

एम्स प्रशासन ने कन्हैया कुमार और सुशील कुमार के खिलाफ फुलवारी शरीफ थाने में एफआईआर दर्ज किया। हालांकि दूसरी ओर, एआईएसएफ नेता सुशील कुमार ने कहा कि इस मामले में एम्स प्रशासन को पूरी जांच करनी चाहिए थी। एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि यह पूरी घटना ही प्रायोजित है। कन्हैया के साथ 50-60 लोग नहीं थे और न ही उन्होंने डॉक्टरों को कुछ कहा।

भेदभाव का आरोप

एआइएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि पटना एम्स में उनका इलाज बंद करने और नाम काटने की धमकी दी गई। भाजपा समर्थित कुछ डॉक्टरों ने सोमवार को कहा कि कोई उनकी ड्रेसिंग या इलाज नहीं करेगा। वह 6 अक्टूबर से ही एम्स के ऑर्थोपेडिक्स वार्ड सीथ्रीए के बेड नंबर एक पर भर्ती है। कोट

स्ट्राइक पर गए डॉक्टरों की बात मान ली गई है। अब मेडिकल सुविधाएं सामान्य हो गई है।

डॉ एमएन सिंह, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट, एम्स पटना

Posted By: Inextlive