कहीं धमाका न हो जाए
- मेरठ के गोदामों में करोड़ों रुपए के पटाखों का स्टॉक
- नियमों को ताक पर रख धड़ल्ले से चल रहा गोरखधंधा आई एक्सक्लूसिव सुंदर सिंह Meerut : शहर के बीचोबीच घनी आबादी वाले क्षेत्रों में करोड़ों रुपए का बारूद जमा है। थोड़ी सी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है। पर सबकुछ जानकर भी जिम्मेदार लोग आंखे बंद किए हुए हैं। इनके पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि घनी आबादी के बीच जिन लोगों ने गोदाम बना रखें हैं, क्या उनके पास यह सब करने का लाइसेंस है कि नहीं? मोहल्लों में है स्टॉकपुराने शहर की घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में विशेषकर ऊंचा सद्दीकनगर, श्यामनगर, कोतवाली क्षेत्र, तीरगरान, चमन कालोनी, समर गार्डन आदि क्षेत्रों में करोड़ों रुपए के पटाखों का स्टॉक है। यह स्टॉक आज से दो-तीन माह पहले कम दामों में खरीदकर व्यापारियों ने भर लिया है। हालांकि जानकार बताते हैं कि बीच बाजार और तंग गलियों में पटाखों के गोदामों की जानकारी पुलिस प्रशासन को है, लेकिन पटाखा कारोबारियों की पहुंच और प्रलोभन के आगे सब बौने साबित हो रहे हैं।
कहां से आते हैं पटाखेमुख्य रूप से मेरठ में पटाखे तमिलनाडु के शिवकाशी से आते हैं। लेकिन इसके अलावा सहारनपुर और मुज्जफरनगर में भी पटाखों का मैनीफैक्चरिंग हो रही है। यहां से भी मेरठ में करोड़ों रुपए के पटाखे मंगाए गए हैं। साथ ही मेरठ में सैंकड़ों घरों व फेक्ट्रियों में पटाखे बनाए जा रहे हैं।
भारतीय विस्फोटक अधिनियम - एक व्यक्ति को 600 किलोग्राम बारूद तक पटाखे बेचने की अनुमति। - एक दुकान से दूसरी दूकान की दूरी 15 फिट से अधिक होनी चाहिए - दुकान और गोदाम एक ही मंजिल पर होने चाहिए। - दुकान से जुड़ा पटाखों का गोदाम नहीं होना चाहिए। - दुकान में 10 बोरी बालू होनी चाहिए, जबकि गोदाम में 50 बोरी। - दो बड़े ड्रमों में हमेशा पानी भरा होना चाहिए। - चार से छह फायर एक्सटिंग्यूसर सिलेंडर होने चाहिए। - पटाखों की दुकाने आबादी से दूर होनी चाहिए। - निकटवर्ती फायर पुलिस स्टेशन को पटाखे रखने वाले स्थान का पता होना जरूरी है क्या कहना है इनका छह माह पहले ही पर्याप्त पटाखे आ गए थे। दिल्ली की कुछ फैक्ट्रियां छह माह पहले ही आधे दामों में पटाखे दे देती हैं, जिसके चलते अच्छी खासी कमाई हो जाती है। -अहसान, पटाखों के थोक विक्रेताशहर में पटाखों का उत्पादन घटा है, लेकिन गोदामों में बाहर का माल भरा पड़ा है। हम लोग ऑफ सीजन में ही आतिशबाजी खरीद लेते हैं, जिससे चार गुना मुनाफा दिवाली के समय होता है।
-राशिद अली, होल सेलर आफिशियल स्टैंड इतने दिन पहले से गोदामों में पटाखे रखना वास्तव में खतरे से खाली नहीं है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -ओपी सिंह, एसपी सिटी सुरक्षा की दृष्टि से गोदामों में पटाखें रखना अवैध है। उनके पास सिर्फ उन स्थानों की लिस्ट है, जहां पटाखों का बाजार लगता है। -शिवदयाल शर्मा, चीफ फायर ऑफिसर अवैध रूप से स्टॉक किए गए पटाखा विक्रेताओं की लिस्ट बनाई जाएगी। साथ ही ऐसे पटाखा कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -मुकेश चंद्र, एडीएम