मोदी सरकार का पहला रेल बजट आखिरकार सबके सामने आ ही गया. इस रेल बजट को देखकर लगता है कि यह सरकार भारतीय रेल के विस्‍तार के लिये काफी सजग है. अगर अच्‍छे दिन की बात की जाये तो मोदी ने अपना वादा पूरा कर दिया. इस रेल बजट में सबसे बड़ी राहत आम जनता को मिली है रेल मंत्री ने किसी भी तरह का किराया बढ़ाने से साफ इन्‍कार कर दिया.


हर जगह पहुंचेगी ट्रेनमोदी सरकार का पहला मकसद भारतीय रेलवे का विस्तार करना है. इस बजट में रेल मंत्री ने रेलवे विस्तार के लिये 18 नई लाइनों का सर्वेक्षण किया है. इस सर्वेक्षण की सबसे मुख्य बात बद्रीनाथ और केदारनाथ को रेलवे से जोड़ना है. सदानंद गौड़ा ने भक्तों की सुविधा के लिये बद्रीनाथ और केदारनाथ तक रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा है. इसके साथ ही रेल मंत्री ने नार्थ-ईस्ट जोन के विस्तार के लिये भी कई योजनाओं का प्रस्ताव रखा है. नार्थ-ईस्ट के लिये रेल मंत्री ने 5116 करोड़ रुपये का प्रावधान पेश किया है. नई ट्रेनों का एलान


रेल मंत्री ने आम जनता की सुविधा को ध्यान रखते हुये नई ट्रेनों का एलान किया है. नई ट्रेनों में सबसे चर्चित बुलेट ट्रेन है. उन्होंने मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का एलान कर दिया है. इसमे 5 जनसाधारण, 5 प्रीमियम, 6 एसी, 27 एक्सप्रेस और 8 पैसेंजर ट्रेनें चलाने का एलान किया है. रेल मंत्री ने कहा कि उनका पहला मकसद यात्रियों को सुविधा पहुंचाना है. भारतीय रेलवे में लगातार बढ़ती जा रही यात्रियों की संख्या को देखते हुये यह एलान किया गया है. इसके साथ ही रेल मंत्री ने मुंबई में 864 ईएमयू ट्रेनें चलाने का भी एलान किया.

रेलवे में प्राइवेट सेक्टर की जरूरत रेल मंत्री के इस बजट में सबसे बड़ा मुद्दा निजी क्षेत्रों को लेकर उभरा है. रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे के सुधार के लिये प्राइवेट कंपनियों को इससे जोड़ने का विचार किया है. उन्होंने 10 बड़े स्टेशन निजी हाथों में देने पर विचार कर लिया है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट हाथों में जाने से सभी स्टेशनों का काया कल्प हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह बनाने की भी घोषणा की. रेल मंत्री ने रेलवे की तरक्की और घाटे से बचाने के लिये पूरी तरह से कोशिश की है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari