Dehradun : राज्य विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन पहले दिन पछुवादून भाजपा कार्यकर्ता और उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव किया. हालांकि प्रदर्शनकारियों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर रोक लिया गया. विद्युत संविदा कर्मचारियों ने धक्का-मुक्की के बीच पुलिस पर पथराव किया. जबाव में पुलिस ने भी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का प्रयोग किया. इस दौरान आंदोलनरियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया जिससे कई घायल हो गए. बीजेपी कार्यकताओं ने पछुवादून और जौनसार बावर की उपेक्षा के लिए कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए.


दौड़ा-दौड़ा कर हुआ लाठीचार्ज


रेगुलर करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के सैकड़ों उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी लंबे समय से ऊर्जा भवन के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार से उनकी अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया। जिससे नाराज संविदा कर्मचारियों ने थर्सडे को राज्य विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा के लिए कूच किया। करीब दो हजार प्रदर्शनकारी रैली निकालते हुए कांवली रोड, प्रिंस चौक, धर्मपुर होते हुए दोपहर करीब एक बजे नेहरू कॉलोनी पहुंचे। जहां  प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही बैरीकेडिंग की हुई थी। बैरीकेडिंग पर मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को मौके पर ही रोक लिया। यहां पर काफी देर तक आंदोलनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए पुलिस के साथ धक्का मुक्की की। इसी दौरान परेड ग्र्राउंड से पछुवादून बीजेपी कार्यकर्ताओं का जुलूस भी भाजपा नेता मुन्ना सिंह के नेतृत्व में यहां आ पहुंचा। भीड़ काफी बढ़ जाने के कारण प्रदर्शनकारियों के हौसले बुलंद हो गए। इस बीच पुलिस पर पथराव शुरू हुआ तो जबाव में उग्र्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का प्रयोग शुरु कर दिया। फिर क्या था, जो प्रदर्शनकारी पुलिस के हत्थे चढ़ गए, उन्हें पुलिस ने नहीं बख्शा। इस दौरान कई आंदोलनकारी घायल हो गए। कुछ प्रदर्शनकारी सड़क किनारे बनी नाली  में जा गिरे। फिर भी रेगुलर नियुक्ति की डिमांड कर रहे संविदा कर्मचारी मौके पर डटे रहे। इधर, जबकि मुन्ना सिंह अपने समर्थकों को संबोधित करने के बाद वापस लौट गए। बीजेपी नेता मुन्ना सिंह चौहान ने दून के सीमांत एरिया त्यूणी नशे गढ़ बनने के साथ नशे के फलते-फूलते कारोबार के लिए स्थानीय सफेदपोश नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। ये भी आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक क्षेत्र के राशन कोटे में कालाबाजारी करवा रहे हैैं। तब शांत हुए संविदा कर्मचारी लाठी चार्ज होने के बाद भी विद्युत संविदा कर्मचारी मौके पर ही डटे रहे। सिटी मजिस्ट्रेट हरक सिंह रावत ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। बाद में वित्त मंत्री इंदिरा हृदेयेश ने प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए विधानसभा बुलाया। जहां खुद इंदिरा हृदयेश, श्रम मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कर्मचारियों से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद करीब पांच बजे प्रदर्शनकारियों ने बेराकेडिंग पर धरना प्रदर्शन बंद किया। इधर, विद्युत संविदा कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कवि ने स्पष्ट किया है कि जब तक उन्हे नियमित नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। विधानसभा तक जा पहुंचे आंदोलनकारी

एक तरफ नेहरू कालोनी बेरीकेडिंग पर संविदा कर्मचारी पुलिस से जूझ रही थी। इसी दौरान कुछ संविदा कर्मचारी पुलिस को चमका देकर विधानसभा के तिराहे तक जा पहुंचे। जहां उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी की। इसी बीच पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की में संतोष चंद्र और देवेन्द्र बनियाल भी घायल हुए। लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए यहां पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट कर पुलिस लाइन पहुंचा दिया। जहां बाद में छोड़ दिया गया। इस बीच सबसे खास बात ये देखने को मिली कि पुलिस व खुफिया एजेंसियों को चकमा देकर आंदोलनकारी विधानसभा की आखिरी बेरीकेडिंग तक जा पहुंचे, जिससे पुलिस की पोल खुलकर रह गई। थप्पड़ जड़ दियानेहरू कालोनी स्थित बैरागेटिंग पर पहले संविदा कर्मचारी पहुंचे। इसके कुछ समय बाद बीजेपी नेता मुन्ना सिंह भी समर्थकों के साथ मौके पर आ धमके। इस दौरान संविदा कर्मचारियों ने मुन्ना सिंह को जैसे ही धक्का मारा, वैसे ही गुस्साए मुन्ना सिंह ने एक संविदा कर्मचारी के थप्पड़ जड़ दिया। कुछ देर तक मौके पर सन्नाटे की स्थिति पैदा हो गई। मुन्ना सिंह का आरोप था कि उक्त कर्मचारी शराब के नशे में था।

Posted By: Inextlive