The government on Thursday decided to set up the first defence university in the country to enable holistic study of defence and strategic security challenges.


देश की पहली डिफेंस यूनिवर्सिटी का रास्ता साफ हो गया है. हरियाणा में गुडग़ांव के नजदीक बिनौला में बनने वाली इस इंडियन डिफेंस यूनिवर्सिटी (इंदु) का शिलान्यास प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह अगले महीने करेंगे. डिफेंस मिनिस्टरी एके एंटनी की अगुआई में फ्राइडे को हुई बैठक में यूनिवर्सिटी की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया.आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह, एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन, डिफेंस सेक्रेटरी शशिकांत शर्मा समेत सीनियर ऑफिशियल की मौजूदगी में हुई बैठक में तय किया गया कि यूनिवर्सिटी की अगुआई एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी करेगा.  


बैठक में यह भी तय हुआ कि यह पद बारी-बारी से तीनों सेनाओं के ऑफीसर्स के पास रहेगा. डिफेंस मिनिस्ट्री के अनुसार 200 एकड़ जमीन पर बनने वाली इस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पोस्ट पर नागरिक व आर्मी का समान प्रतिनिधित्व होगा. यूनिवर्सिटी में उपाध्यक्ष का भी पद होगा, जो सैन्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के पास नहीं होगा. इसके सेलेबस में 66 परसेंट सीटें सैन्यबलों के लिए होंगी. वहीं, 33 प्रतिशत पर असैन्य सरकारी अधिकारियों, पुलिस व नागरिक क्षेत्र के लोगों को प्रवेश मिल सकेगा.

बीते चार दशक से ज्यादा वक्त से यूनिवर्सिटी की स्थापना संसद के अधिनियम के जरिए होगी. यूनिवर्सिटी के ढांचे में प्रेसिडेंट विजिटर होंगे, जबकि डिफेंस मिनिस्टर चांसलर होंगे. डिफेंस टैक्नोलॉजी व मैनेजमेंट समेत सैन्य अध्ययन में हायर एजुकेशन व रिसर्च के पाठ्यक्रम पर यूनिवर्सिटी का जोर होगा. यहां आइआइटी व आइआइएम की तर्ज पर डिफेंस सेक्टर में हायर एजुकेशन दी जाएगी.

Posted By: Garima Shukla