प्यार हम को भी है प्यार तुम को भी है तो ये क्या सिलसिले हो गए...


सुधांशु को कभी इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ कि मैं उससे बेहद प्यार करती हूं. लेकिन आज मैं इस लेटर के ज़रिए सुधांशु को बताना चाहती हूं कि मैंने सिर्फ सुधांशु से प्यार किया और वो भी बेइंतहां. हमारी शादी को एक साल भी पूरे नहीं हुए थे कि हमारे बीच मिसअन्डरस्टैंडिंग्स बढऩे लगीं. मेरी लाइफ में सुधांशु के आने से पहले कोई और था लेकिन उसे प्यार का नाम नहीं दूंगी क्योंकि वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त था लेकिन शायद सुधांशु को यह बात समझा पाना बहुत मुश्किल था कि वह सिर्फ मेरा अच्छा दोस्त है. मिसअन्डरस्टैंटिंग्स बढ़ती गर्ई और मेरे और सुधांशु के बीच दूरियां बढऩे लगीं. इसी बीच सुधांशु का दूसरे शहर में ट्रांसफर भी हो गया और हम एक-दूसरे से और दूर हो गए. सुधांशु जानता था कि अकेले रहने पर मुझे कितना डर लगता है लेकिन वह फिर भी मुझे अपने साथ नहीं ले गया. लेकिन मैं सिर्फ इसलिए आज अकेले रह रही हूं क्योंकि सुधांशु से प्यार करती हूं. सुधांशु मेरा प्यार है. इस प्यार के सहारे मैं सारी जिंदगी काट सकती हूं फिर यह तो बहुत छोटी सी सज़ा है. सुधांशु यह सच है कि मैं तुमसे कभी यह नहीं कह पाई कि तुमने मेरे लिया जितना किया उतना शायद किसी ने नहीं. वो बुरा वक्त तो मैं कभी नहीं भूल सकती जब मेरा एक्सीडेंट हो गया था और तुमने पूरे तीन महीने मेरी केयर की थी. हां उस वक्त मैं तुमसे मैं यह कह कर जरूर लड़ती थी कि तुम मेरी केयर नहीं करते. पर इसमें भी एक प्यार छिपा होता था, एक हक. एक उस जवाब का इंतज़ार जिसमें तुम यह कहो कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. पर ना जाने क्यों लड़ाई हो जाती थी. लेकिन आज तुमसे यह कहना चाहती हूं कि तुम्हारे बिना जीना बहुत मुश्किल है.

Ankita

Posted By: Surabhi Yadav