इश्क हुआ कैसे हुआ अच्छा हुआ जैसे हुआ ना मैं जानू ना तू जाने क्यों हो गए हम दीवाने...


मेरे और नेहा के पेरेंट्सफैमिली फ्रेंड्स थे. हम बचपन से एक-दूसरे को जानते थे पर कभी ज्यादा बात नहीं की थी. हमने एक ही कोचिंग ज्वॉइन की और अकसर हमारी हाय-हेलो हो जाती थी. एक दिन मेरे दोस्त ने मजाक में नेहा को बोल दिया कि मैं उसे लाइक करता हूं. मुझे मेरे दोस्त की इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया और मैं कुछ दिन तक कोचिंग भी नहीं गया, इस डर से कि कहीं वो अपने पेरेंट्स से मेरी कंप्लेन न कर दे.


फिर कुछ दिन बाद उसका मेरे घर फोन आया. पहले उसने मेरी मम्मी से बात की, मुझे लगा मेरे दोस्त की हरकत के बारे में बता रही है. फिर मम्मी ने आवाज लगाई और बोली कि नेहा का फोन है. जब मैंने बात की तो वह बोली अगर तुम अपने दोस्त की हरकत से शर्मिंदा होकर कोचिंग नहीं आ रहे हो तो इट्स ओके फ्रेंड्स में चलता रहता है, मुझे बुरा नहीं लगा. मेरी वजह से अपनी कोचिंग क्लासेस मिस मत  करो. उस दिन मुझे रियलाइज हुआ  कि मैं उसे जैसा समझता था वह वैसी नहीं है उस दिन से हमारी अच्छी फ्रेंडशिप हो गई.

हमारी ये अनयूजुअल फ्रेंडशिप प्यार में बदल गई. हमने अपनी जॉब लगने के बाद अपने घर पर हमारे रिलेशन के बारे में बता दिया और सबने इसे एक्सेप्ट भी कर लिया.  Rohan

Posted By: Surabhi Yadav