तुमसे मिली नजर तो असर ह्आ है आज ये दिल पे चैन भी गया होश भी गया...


मैं एमकॉम फाइनल ईयर का स्टूडेंट था. मैं और मेरे फ्रेंड्स कॉलेज कैंटीन में खूब मस्ती किया करते थे. हम सभी दोस्त एक बात पर बहुत बिलीव करते थे कि ‘लाइफ इज मोर बेटर विदाउट गल्र्स’ लेकिन दोस्तों के साथ लिया गया कमिटमेंट ज्यादा दिन नहीं टिक सका क्योंकि जब मैंने एक लडक़ी को अकेले कैंटीन में बैठे देखा उसे देखते ही मेरे मन में एक अजीब सा एहसास हुआ. शायद वो कॉलेज में नई थी क्योंकि मैंने उस दिन से पहले उसे कभी भी कैंटीन में नहीं देखा था .वह मैकेनिकल की स्टूडेंट थी.
मेरे मन में उसका अक्स जैसे बस चुका था. मैं हमेशा उतावला रहता था कि बस कैसे भी एक बार वो मुझे दिख जाए. कुछ दिन बाद मेरे कॉलेज में एनुअल फंक्शन ऑर्गनाइज होना था जिसकी प्रिप्रेशन के लिए स्टूडेंट्स ऑडिटोरियम हॉल में अपने प्लान बनाते थे. उसी हॉल में मेरी उससे पहली बार बात हुई थी. वहीं से हमारी दोस्ती की शुरुआत हुई. मैं उसको बेहद प्यार करता था. एक दिन घबराते हुए मैंने उसे प्रपोज किया और पढाई के बाद शादी करने का फैसला लिया. आज हमारी मैरिज को दो साल बीत चुके हैं. अगर उस दिन मैं उसे प्रपोज न करता तो शायद आज हम साथ न होते. Ayush

Posted By: Surabhi Yadav