- मांडर के कंजिया मरईटोली के गोलबंद आरोपियों ने मर्डर करने की बात स्वीकारी

- पुलिस के सामने निर्लज्जता से पेश आए। कहा-ये जरूरी था, नहीं तो हमलोगों का वंश खत्म हो जाता

>RANCHI: वो कटहल का पेड़, जिसके नीचे पांच महिलाओं की निर्वस्त्र लाशें पड़ी हुई हैं। इनका चेहरा इस कदर पत्थर से कूचल दिया गया है कि घरवाले भी शायद नहीं पहचान पाएं। इन्हीं लाशों के इर्द-गिर्द गांव की सभी महिलाओं, युवकों, बच्चों और पुरुषों का जमावड़ा लगा हुआ है। सबकी आंखें गुस्से से लाल हैं। आक्रोश ऐसा कि इन महिलाओं की मौत के बाद भी उनके बेजान शरीर पर कब झपट पड़ें। इसी बीच पुलिस फोर्स पहुंचती है और पूछती है कि इन महिलाओं की हत्या किसने की। यह सुनते ही कुछ हिंदी तो कुछ उरांव भाषा में सभी एक साथ बोल पड़ते हैं-हां, हम सभी ने इन पांचों को मारा है। तीन और रह गई हैं। उनकी भी हत्या कर गांव से डायन का नामोनिशान मिटाना है। यह दृश्य मांडर थाना क्षेत्र के कंजिया मरईटोली स्थित धुमकुरिया के पास का है। जहां गोलबंद हत्यारोपियों की निर्लज्जतापूर्वक स्वीकारोक्ति बयान ने वहां पहुंचे डीआईजी अरुण कुमार सिंह, एसएसपी प्रभात कुमार सहित सैकड़ों पुलिस कर्मियों के कान खड़े कर दिए। आश्चर्य का कारण यह नहीं था कि पांच महिलाओं की हत्या हुई है, बल्कि पुलिस इसलिए शॉक्ड है कि यदि वह अहले सुबह गांव नहीं पहुंचती तो तीन और महिलाओं को डायन के आरोप में ग्रामीण मौत के घाट उतार देते।

अभी भी दो औरत, एक मर्द को खतरा

जब पूछा गया कि वे तीनों कौन हैं, तो इस पर गांववालों ने चुप्पी साध ली। बोला गया कि छोड़ दीजिए, हमारा मामला है, हम ही निबटेंगें। हालांकि, कुछ लोगों ने बताया कि जिनकी जान खतरे में है। उनमें से दो औरत और एक मर्द है। पुलिस भी अपने स्तर से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर वे लोग कौन हैं, जिन पर जान का खतरा मंडरा रहा है।

बोली महिलाएं-हमें भी ले चलो थाने

जब पुलिस की टीम एक-एक कर आरोपियों को पकड़ कर बस में डालने लगी, तो गांव की महिलाएं उनलोगों को रोकने के लिए आगे आ गई। घेराबंदी कर महिलाओं ने कहा-ऐ, हमें भी ले चलो थाने, वरना छोड़ेंगे नहीं।

हमारे बच्चों को मार देती थीं महिलाएं

आरोपियों ने कहा कि ये पांचों महिलाएं मिलकर हमारे बच्चों को मार डालने का काम करती थी। बच्चों के सुखद भविष्य के लिए हमलोगों ने इनकी हत्या कर उनके जीवन को बचाया है। आरोपियों ने बताया कि जब भी गांव में किसी की मौत होती थी, तो ये महिलाएं सामूहिक रूप से एक साथ जुटती और दूसरे की मौत पर खुशी में नाचती थीं।

Posted By: Inextlive