RANCHI : अगर आपके बच्चे को भी घुटने में लगातार दर्द रह रहा है तो इसे हल्के में न लें। हो सकता है कि उसे फ्लैट फुट की बीमारी जकड़ रही हो। ऐसे में घुटनों का यह दर्द बढ़ते हुए बच्चे के कमर और कंधे तक पहुंच सकता है। ऐसे में बच्चे के दर्द को लेकर तुरंत किसी चिकित्सक की सलाह लें। गौरतलब है कि बच्चों में फ्लैट फुट की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। सदर के फिजियोथेरेपी में हर महीने 4-5 दर्जन बच्चे ट्रीटमेंट के लिए आ रहे हैं। यहां बच्चों को उनकी बीमारी के अनुरुप ट्रीटमेंट किया जा रहा है।

घुटने के दर्द के बढ़े मरीज

लोगों में घुटने में दर्द व चलने में परेशानी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। सिर्फ सदर हॉस्पिटल के ओपीडी में ही हर दिन इलाज के लिए 20 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। वहीं फिजियोथेरेपी ओपीडी में भी हर दिन लगभग 40 मरीज आते हैं, जिनमें आधे से ज्यादा लोगों में फ्लैट फुट की समस्या पाई जा रही है। ऐसे में सहज ही समझा जा सकता है कि फ्लैट फुट अब लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।

पैरों का केयर नहीं करने का है नतीजा

सामान्य तौर पर पैरों के स्वास्थ्य को लोग नजरअंदाज कर देते हैं। खासकर बचपन में पैरों पर लोगों का बहुत ध्यान नहीं जाता है। ऐसे में उम्र बढ़ने पर पता चलता है कि वे फ्लैट फुट की बीमारी से ग्रसित हैं। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों के पैरों का केयर करने में कोताही नहीं बरतें। इससे बचने के लिए बच्चों के पैर का भी ख्याल रखें। चप्पल और जूतों में आर्च शेप बनाकर पैरों को राहत दी जा सकती है।

अधिक वजन होना भी बीमारी का कारण

जैसे-जैसे शरीर का वजन बढ़ता है तो उसका बोझ पैरों पर पड़ने लगता है। ऐसे में अंगूठे और एडी़ के बीच का कर्व सीधा हो जाता है। जिससे कि तलवा पूरी तरह से फ्लैट हो जाता है। इसके बाद दबाव एड़ी पर पड़ता है। फिर धीरे-धीरे दर्द घुटने में होता है। यहीं परेशानी बढ़ती चली जाती है।

फ्लैट फुट तो आर्मी-पुलिस में रिजेक्ट

जिन युवाओं को फ्लैट फुट की समस्या होती है, उनके लिए आर्मी और पुलिस के अलावा अन्य सुरक्षा बलों में नौकरी पाने का रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता है। उन्हें फिजिकल टेस्ट में ही रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसे में फ्लैट फुट की बीमारी पर कंट्रोल करने के लिए जरूर एक्सप‌र्ट्स की सलाह लेनी चाहिए।

Posted By: Inextlive