LDA अधिकारियों की शह पर बिना किराए रह रहे हैं कई लोगएक बार पहले हो चुका है इन flats पर अवैध कब्जा


नेहरू इन्क्लेव का फ्लैट नंबर 104. कुछ दिनों पहले इसमें एनएसजी कमांडो रहते थे, लेकिन अब यहां गोमतीनगर थाने में तैनात दीवान ने कब्जा जमा रखा है। यह खाकी का ही रौब है कि न तो उन्हें इस पॉश इलाके में फ्लैट का किराया देना पड़ रहा है और न ही उनके पास कोई अलॉटमेंट लेटर है। केवल यही नहीं कुछ फ्लैट््स में अवैध रूप से कारपेंटर रहने लगे हैं तो कुछ पर एनएसजी गार्डों के ताले पड़े हैं। एक बार फिर नेहरू इन्क्लेव में अवैध कब्जे शुरू हो गए हैं।
थाने में तैनाती का फायदा
यह थाने में तैनाती का ही फायदा है कि नियम-कानून ताक पर रख पर रख दिए गए। न फार्म भरने की जरूरत और न ही रजिस्ट्रेशन एमाउंट की। एक आम आवंटी को जहां अलॉटमेंट लेटर होने के बावजूद अपने फ्लैट पर कब्जे के लिए भटकना पड़ता है वहीं वर्दी वालों के लिए फ्लैट पर कब्जा करना चुटकियों का खेल है। आई नेक्स्ट ने जब यहां फ्लैट्स के बारे में पड़ताल की तो कई फ्लैट पर ताले लगे पाए गए। जबकि कुछ पर अवैध कब्जे थे। फ्लैट नंबर 104 पर गोमतीनगर थाने में तैनात दीवान एनपी दुबे की फैमिली मिली। उनकी वाइफ ने बताया कि 15 दिन पहले यहां रहना शुरू किया है। दुबे के मुताबिक कहीं कमरा नहींं मिल रहा था, लिहाजा एलडीए के एक अधिकारी के कहने पर यहां रहना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि उनके पास कोई अलॉटमेंट लेटर नहीं है। दुबे ने बताया कि जल्द ही वह यह फ्लैट खाली कर देंगे।
Carpenter थे मौजूद
फ्लैट नंबर पी-101 में भी कुछ दिनों पहले कमांडो रहते थे, लेकिन अब यहां कारपेंटर रह रहे हैं। एलडीए के किसी अधिकारी ने उन्हें यहां इसलिए ठहरा रखा है कि उनके घर पर कुछ काम चल रहा है। जब यहां रहने वाले कारपेंटर से पूछताछ की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। फ्लैट नंबर पी- 97 में भी कोई मौजूद था, लेकिन कई बार दरवाजा नॉक करने के बाद भी यह नहीं खुला।
12 flats पर था एनएसजी कमांडो का कब्जा
नेहरू इन्क्लेव में एनएसजी कमांडो के कब्जे में 12 फ्लैट थे। इनमें से ज्यादातर फ्लैट्स में ताले बंद हैं। इन कमांडो के पास न तो फ्लैट की रजिस्ट्री थी और न ही कब्जा लेटर। इसके बावजूद वह आराम से यहां कब्जा जमाए थे। अब इन फ्लैट््स पर किसके ताले लगे हैं। इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है।
नेहरू इन्क्लेव में खाली हैं 45 flats
उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव ने एलडीए से पूछा था जिसमें यह जानकारी मांगी गई थी कि नेहरू इन्क्लेव योजना में बने डिफरेन्ट कैटेगिरी के फ्लैट्स में बिना एलॉटमेंट/अवैध रूप से कब्जा करके रहने/अथराइज्ड तरीके से ताला लगाने या फ्लैट्स को किराए में उठाने संबंधी जांच के आदेश दिए गए थे। इस मामले में जांच के निर्देश चीफ इंजीनियर को दिए गए। इसमें जानकारी मिली कि यहां 45 फ्लैट अभी भी खाली हैं।
Court में लंबित हैं मामले
नेहरू इन्क्लेव में विभिन्न कैटेगिरी में 804 फ्लैैट निर्मित किए गए हैं। इसमें रूपायन में 12 मामले, वातायन में चार, पुष्पायन के छह, प्रेमायन 1 के 3 और प्रेमायन 2 में एक मामला कोर्ट में चल रहा है। कुल मिलाकर 26 मामले सालों से अदालत में लंबित हैं और इन मामलों के जल्द सुलझने की कोई संभावना नहीं है।
करीब 20 लाख के होंगे flats
अधिशासी अभियंता आरएन सिंह ने बताया कि यदि किसी ने कब्जा कर रखा है तो उसे जल्द ही खाली कराया जाएगा। उन्हें यह नहीं मालूम कि यहां कमांडो को कैसे फ्लैट दिए गए थे.  वैसे यहां फ्लैट्स की कॉस्टिंग की जा रही है। करीब 20 लाख रुपए तक यहां फ्लैट के रेट रखे जाएंगे। जल्द ही रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिया जाएगा।
नहीं मिला पजेशन
चीफ इंजीनियर एसएन त्रिपाठी ने बताया कि कुछ कमांडो को शासन के निर्देश पर पजेशन मिला था, लेकिन अभी लिखित तौर पर उन्हें इन फ्लैट्स का पजेशन नहीं मिला है।
पहले भी हो चुके हैं कब्जे
करीब चार साल पहले एलडीए ने नेहरू इन्क्लेव से कब्जे खाली कराए थे। उस समय यहां सपा के दबंग नेताओं और छात्र नेताओं का कब्जा था। इसके अलावा एक पुलिस चौकी भी बना दी गई थी। काफी रस्साकशी के बाद यहां से अवैध कब्जे हटाए गए थे। इसके अलावा यहां छात्र नेता विनोद त्रिपाठी का मर्डर भी किया गया था।
फ्लैट्स की कैटेेगिरी- निर्मित फ्लैट्स की संख्या- रजिस्ट्री किए गए फ्लैट्स- कोर्ट केस- कब्जा दिए गए फ्लैट्स- शेष फ्लैट्स
रूपायन- 216- 200- 12- 212- 4
वातायन- 108- 104- 4- 108- 0
पुष्पायन- 264- 250- 6- 256- 8
प्रेमायन 1- 108- 89- 3- 92- 16
प्रेमायन 2- 108- 90- 1- 91- 17
         

Posted By: Inextlive