- बंधे से टकराने लगा राप्ती का जलस्तर

- जलकल ने बंद किए रेगुलेटर, डीएम ने किया बंधों का इंस्पेक्शन

GORAKHPUR : तीन दिन लगातार बारिश ने सिटी की दुर्दशा करने का इंतजाम कर दिया है। राप्ती का जलस्तर उफान पर है, सिटी के निचले इलाकों में भी पानी भरना शुरू हो गया है। ऐहतियात के तौर पर सिटी के बंधों पर लगाए गए क्क् रेगुलेटर बंद कर दिए गए हैं। सैटर्डे को डीएम रंजन कुमार ने सीडीओ कुमार प्रशांत के साथ बंधों का निरीक्षण किया। हालांकि कई एरियाज में जलजमाव की हालत बन गई है, इस वजह से गोरखपुराइट्स का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।

बंधे से टकराया पानी तो बंद हुए रेगुलेटर

राप्ती नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से महानगर प्रभावित होने लगा है। फ्राइडे नाइट बंधे से राप्ती नदी के पानी के टकराते ही सिटी के पानी को निकालने वाले खुले नाले पर लगे रेगुलेटर बंद कर दिए गए। इनके बंद होते ही सिटी का पानी निकालने के लिए रेगुलेटरों पर लगे पंपिग सेट को चालू कर दिया गया। जलकल के इंजीनियर पीएन मिश्रा ने बताया कि बाढ़ की निगरानी सिंचाई विभाग करता है। फ्राइडे शाम 8 बजे सिंचाई विभाग ने सूचना दी कि नदी का पानी बंधे से टकराने लगा है। अगर रेगुलेटर बंद नहीं हुआ तो नदी का पानी सिटी में आने लगेगा, इसलिए सभी रेगुलेटर तत्काल बंद किए जाए। जिसके बाद जलकल ने अपने सभी रेगुलेटर बंद कर दिए।

एक-दो दिन में डेंजर लेवल हो सकता है पार

बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण राप्ती का जलस्तर ख् सेमी प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन एसपी सिंह यादव ने बताया कि नदी का जल स्तर इस समय 7ब्.ब्0 मीटर है। अभी राप्ती खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जिस तरह से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है उससे लग रहा है कि एक-दो दिन में नदी स्तर खतरे के निशान को छू लेगी। उन्होंने बताया कि नदी के बढ़ते जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है और इसकी रिपोर्ट भी बनायी जा रही है।

कई गलियां अभी भी बंद

जल जमाव के कारण सिटी की कई गलियों में तीन से चार फीट तक पानी जमा हुआ है। इंदिरा नगर के सीताराम चौराहे से लेकर चंपा देवी पार्क तक सड़क पर तीन फीट से अधिक पानी जमा होने के कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़हवा फाटक से साकेत नगर और पचपेड़वा को जोड़ने वाला रास्ता तीन दिन से बंद पड़ा है। रसूलपुर के अजय नगर भट्टा के कई घरों में भी बारिश का पानी घुस गया है।

नदी के बढ़ते जलस्तर की सूचना पर सभी रेगुलेटर बंद कर दिए गए हैं। पंपिग सेट चालू कर दिए गए हैं। सिटी से जितना पानी नालों से रेगुलेटर में एकत्रित हो रहा है उसी के अनुपात में पंपिंग सेट चालू किए जा रहे हैं।

अष्टभुजा सिंह, जेई, जलकल

नदी के बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जा रही है। हालांकि नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन जलस्तर जिस गति से बढ़ रहा है, उससे नदी जल्द ही खतरे के निशान तक पहुंच सकती है।

एसपी सिंह यादव, एक्सईएन, सिंचाई विभाग

Posted By: Inextlive