पूरे हुआ एक साल फिर भी वही हाल
-निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर हादसे के एक साल हुए पूरे
-निर्माण स्थल पर अभी भी बरती जा रही जबरदस्त लापरवाही - 15 मई 2018 को कैंट पर हुए हादसे में 15 की मौत, डेढ़ दर्जन हुए थे घायल एक साल पहले आज के ही दिन कैंट पर दर्दनाक हादसा हुआ था. निर्माणाधीन फ्लाईओवर का बिम गिर गया था. इसकी चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गयी थी, दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. जिनकी जान गयी उनके परिजनों का दर्द अभी भी हरा है. घायलों के घाव पूरी तरह से सूखे नहीं है. लेकिन इस हादसे से किसी ने सबक नहीं लिया. आज भी निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. फ्लाईओवर पर काम करने वाले और नीचे से गुजरने वाले अपनी जान में जोखिम में डालते हैं. काम ने नहीं पकड़ी रफ्तारहादसे के बाद भी काम रफ्तार नहीं पकड़ सका है. हादसे के पहले 43 परसेंट काम हुआ था. एक साल में महज 31 परसेंट बढ़ सका. अभी 26 परसेंट काम होना बाकी है. कैंट रेलवे स्टेशन से काशी विद्यापीठ की ओर उतरने वाले फ्लाईओवर को लोकेट अभी इसलिए नहीं किया जा रहा है कि गंगा प्रदूषण ईकाई की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है जबकि चार से पांच बार इस बाबत लेटर दिया गया है.
सात हुए थे गिरफ्तार कैंट रेलवे स्टेशन-लहरतारा मार्ग पर 15 मई की शाम पांच बजे के लगभग रेलवे की एईएन कॉलोनी के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पिलर नंबर 79 और 80 के बीच बीम जी 4 और जी 5 अचानक सड़क पर गिर गई थीं. जी 5 बीम के नीचे दब कर वाहन सवार 15 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हुए थे. हादसे के ढाई माह बाद जांच में तत्कालिन प्रोजेक्ट मैनेजर, ठेकेदार सहित सात लोगों को दोषी पाते हुए गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था. हादसे के बाद निलंबित किए गए सेतु निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हरिश्चंद्र तिवारी, पूर्व चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर गेंदा लाल, प्रोजेक्ट मैनेजर कुलजश राय सूदन, एई राजेंद्र सिंह, एई यांत्रिक/सुरक्षा राम तपस्या सिंह यादव, जेई लालचंद सिंह व जेई राजेश पाल सिंह और ठेकेदार साहेब हुसैन कुछ माह पूर्व से जमानत पर रिहा हुए. बना दिया गया मंदिरहादसे के बाद पता चला कि घटनास्थल पर एक मंदिर था जिसे निर्माण के दौरान तोड़ दिया गया था. दोबारा निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व घटनास्थल पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया. आसपास के लोग सहित निर्माण कार्य में लगे मजदूर सुबह-शाम मंदिर में पूजन-अर्चन करते हैं.
एक नजर 2012 में शुरू हुआ था फ्लाईओवर को बनाने का काम 2015 से चल रहा है चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण का काम 30 माह में पूरा होना था काम 15 मई 2018 को हुआ था हादसा 15 लोगों की हुई थी दर्दनाक मौत 18 से अधिक लोग हुए थे जख्मी 28 जुलाई 2018 को सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित सात हुए थे गिरफ्तार 2019 30 दिसंबर तक पूरा काम पूरा करने का है लक्ष्य 74 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है अभी तक 22 पिलर्स में इस्तेमाल होंगे स्टील के गर्डर 62 पिलर्स हैं फ्लाईओवर में 1800 मीटर लंबा है फ्लाईओवर 171.50 करोड़ का रिवाइज है बजट फ्लाईओवर निर्माण स्थल पर सुरक्षा का पूरा इंतजाम रखने का प्रयास किया जाता है. साल भर में 31 परसेंट काम हुआ है. देर सिर्फ इसलिए हो रही है कि स्टील गार्डर रखने का काम बाकी है. एके सिंह, परियोजना प्रबंधक, सेतु निर्माण निगम