शेविंग क्रीम में फोम कम एंटीबॉयोटिक के मानक अधूरे
2019-01-15T06:00:04+05:30
मिठाई में मिला खतरनाक रंग, दूध, पनीर के सैंपल भी फेल
खाद्य व औषधि विभाग की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
MEERUT। खाने- पीने की चीजों के अलावा आपकी शेविंग क्रीम भी आपकी स्किन के लिए खतरनाक हो सकती है। बाजार में बिक रहे कुछ प्रोडक्ट्स और दवाई फूड व ड्रग विभाग के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स और मिठाइयों में भी मिलावट करके लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। विभाग की ओर से लिए गए कई सैंपल जांच में फेल होने के बाद इसका खुलासा हुआ है।
शेविंग क्रीम में कम फोम
ड्रग विभाग को छाबड़ा ट्रेडर्स के यहां वी- जॉन क्रीम में फोम की मात्रा कम प्राप्त हुई है, वहीं इसकी लेबलिंग भी मानकों के अनुरूप नहीं हैं। चड्ढा लाल ट्रेडर्स के यहां डेटॉल शेविंग क्रीम में भी फोम की मात्रा कम पाई गए है। वहीं एंटीबॉयटिक टेबलेट सेफटेक- एलबी में 200 एमजी में की जगह मात्र 111 एमजी की मात्रा पाई गई है।
मिठाई में सिंथेटिक रंग
फूड विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार पाकीजा मिठाई में सिंथेटिक रंग औरामिन- ओ येलो की मिलावट पाई गई है। यह रंग आंतों, लीवर और किडनी के लिए बहुत खतरनाक हैं। पेट में जाकर यह गलता नहीं हैं और कैंसर जैसी बीमारी पैदा कर देता है। इसके अलावा लड्डू में वनस्पति और रिफाइंड को मिलाकर प्रयोग किया गया हैं। जबकि मिल्क केक में भी फैट की मात्रा कम ि1मली है।
सब- स्टैंडर्ड डेयरी प्रोडक्ट्स
विभाग की ओर से लिए गए डेयरी प्रोडक्ट्स भी सब- स्टैंडर्ड मिले हैं। इनमें चार सैंपल दूध के, एक पनीर और एक सरसों के तेल का सैंपल शामिल है। सरसों के तेल की लेबलिंग में गड़बड़ हैं वहीं अन्य सैंपलों में फैट की मात्रा कम मिली हैं।
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जिनके यहां के सैंपल्स की रिपोर्ट फेल आई है, उनके खिलाफ नियमानुसार मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
अर्चना धीरान, डीओ, एफडीए
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