- वर्ष 2006 से फायर विभाग में

कंडम हो गया था फोम टेंडर वाहन

- एसएसपी ने भेजा प्रस्ताव तो शासन से मिली हरी झंडी

बरेली : जिले में कहीं भी भीषण आग लगती है तो अब उसको शांत करने के लिए फायर विभाग में फोम टेंडर तैयार रहेगी. खासतौर पर पेट्रोल, डीजल टैंक, गैस सिलिंडर, गैस पाइप लाइन आदि में आग लगने पर फोम टेंडर की मदद ली जाएगी. एसएसपी की डिमांड पर शासन ने फायर विभाग के लिए एक फोम टेंडर और एक वाटर टेंडर को मंजूरी दे दी है. अगले महीने तक दोनों वाहन फायर डिपार्टमेंट के बेड़े में शामिल हो जाएंगे.

14 साल से नहीं है फोम टेंडर

ऑयल या गैस से लगने वाली आग को काबू करने के लिए फायर डिपार्टमेंट के पास सिर्फ एक फोम टेंडर था, जो वर्ष 2006 में खराब हो गया. इसके बाद भी किसी भी तरह से लगने वाली आग को काबू करने के लिए डिपार्टमेंट के पास वाटर टेंडर का ही सहारा बचा था.

कैसे काम करती है फोम टेंडर

फोम टेंडर मुख्य रूप से ऑयल टैंक और गैस सिलिंडर सहित अन्य जगहों पर लगी भीषण आग को बुझाने में काम आएगी. ऑयल से लगी आग पर फोम टेंडर वाहन एक केमिकल युक्त झाग फेंकेगी, जिससे आग पर आसानी से काबू पाया जा सकेगा.

फोम टेंडर और वाटर टेंडर की क्षमता

फोम टेंडर मशीन में एक साथ दो टैंक होंगे. दोनों ही टैंकों में करीब पांच हजार लीटर फोम भरा होगा. वहीं वाटर टेंडर में 25000 ली. पानी स्टोर करने की क्षमता है. इससे आग बुझाने के दौरान इसे जल्दी भरने की जरूरत नहीं होगी.

साधारण पानी होता था बेअसर

ऑयल या गैस से लगने वाली आग को वाटर टेंडर से काबू कर पाना मुश्किल होता है. करीब पांच साल पहले पटेल चौक पर बने पेट्रोल पंप में कुछ खराबी के कारण आग लग गई थी. फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सामान्य वाटर टेंडर से आग बुझाने का प्रयास करने लगी पानी पड़ते ही आग और भीषण हो गई. करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया था, अगर उस समय फोम टेंडर विभाग के पास होता तो आग पर कुछ मिनटों में ही काबू पाया जा सकता था.

वर्जन ::

पिछले महीने एसएसपी से फोम टेंडर और वाटर टेंडर की मांग की थी उन्होंने ही शासन को प्रस्ताव भेजा जिसके बाद दोनों वाहन अलॉट किए गए हैं. अप्रैल के अंत तक दोनों वाहन विभाग को प्राप्त हो जाएंगे.

सोमदत्त सोनकर, एफएसओ.

Posted By: Radhika Lala