नहीं दिया समाधान जारी हुआ फरमान
- फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी की नई गाइड लाइन
- खाद्य पदार्थो में एल्यूमिनियम, अखबार व फॉयल पेपर पैकिंग पर लगेगी रोकमार्केट में बिक रहे खाने के सामान को अब प्लास्टिक, एल्यूमिनियम, अखबार व मेटल यानि टिन के डब्बों में पैक नहीं किया जा सकेगा। लोगों की सेहत को ध्यान में रखने के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने पैकिंग वाले फूड आइटम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। खास यह कि अभी पॉलीथिन और थर्माकोल पर बैन सरकार के पूर्व के आदेश को पूरी तरह से लागू नहीं कराया जा सका है। ऐसे में ये नया फरमान जारी कर दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं इस नई गाइडलाइन के अनुसार पैकिंग के लिए किस चीज का इस्तेमाल हो इसका कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। जो फूड आइटम्स का बिजनेस करने वाले लोगों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित होगा। हालांकि एफएसएसएआई ने सभी फूड कारोबारियों को मानक पूरे करने के लिए एक माह का समय दिया है। इसके बाद इस पर अमल न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कंज्यूमर को नहीं लगा सकेंगे चूनाएफएसएसएआई न सिर्फ फूड पैकेजिंग में बल्कि फूड आइटम पर होने वाली लेबलिंग और मिलावट को लेकर भी सख्त कदम उठाया है। नई गाइडलाइन के तहत अब हर छोटी-बड़ी कंपनियों को फूड लेबलिंग सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
मिलावट पर भी सख्त हुआ विभाग एफएसएसएआई ने फूड आइटम्स में होने वाले मिलावट को लेकर भी सख्ती दिखाई है। अधिकारियों की मानें तो मार्केट में बिकने वाले दाल, चावल, शहद, तेल, घी, देशी घी आदि में मिलावट की कई शिकायतें मिलती है। जिसको लेकर समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है। अथॉरिटी ने इनके मानक भी तय कर दिए हैं। इसके तहत इन पदार्थो में टॉक्सिक बिल्कुल नहीं होने चाहिए, इसके साथ ही इसका सर्टिफिकेशन होना भी अनिवार्य किया गया है। इसलिए पड़ी जरुरतएफएसएसएआई ने पिछले दिनों खाने की पैकिंग व लेबलिंग में प्रयोग होने वाले कई आइटम्स के मानक और सेहत की सुरक्षा को देखते हुए नेशनल सर्वे कराया था। जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिसके बाद अथॉरिटी ने नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं। इसमें पहला सर्वे पैकिंग में प्रयोग होने वाले हैवी मेटल यानि टीन के डिब्बों पर किया। इस दौरान 1250 सैंपलों की जांच इंडियन इंस्ट्ीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, मुंबई में हुई, जिसमें प्लास्टिक पाउच, हैवी मेटल के लिड, मेटल कंटेनर, बॉटल, लेमिनेटिड बैग, एल्मूनियम फॉयल में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व पाएं गए।
काला कैरी बैग है खतरनाक इसके अलावा लूज पैकिंग में प्रयोग होने वाले मैटेरियल के 1760 सैंपल की जांच नेशनल टेस्ट हाउस कोलकाता में हुई। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खतरनाक रंगीन कैरी बैग निकले। जबकि काला कैरी बैग, एल्मूनियम कोटिंग वाले डिस्पोजेबल कंटेनर, स्वीट बॉक्स, पेपर प्लेट, पॉलीथिन पाउच, चाय पीने वाले प्लास्टिक के कप व शाइंनिग कोटिंग वाले प्लास्टिक चम्मच में सेहत के लिए खतरनाक तत्व मिले। ----- अथॉरिटी ने पैकिंग, लेबलिंग आदि को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। हालांकि नए गाइडलाइन की कॉपी अभी विभाग को नहीं मिली है। कॉपी आते ही इस नियम का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। संजय सिंह, डिस्ट्रिक्ट फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर -समाधान बगैर फरमान एफएसएसएआई की ओर से जारी हुए इस फरमान को तभी अमल में लाया जा सकता है, जब इसका कोई विकल्प हो। अगर एल्मूनियम फॉयल का इस्तेमाल होगा तो खाना किसमें दिया जाएगा। सुधांशु अग्रवाल, रेस्टोरेंट संचालक यह नियम उन्हीं कारोबारियों पर लागू हो सकता है, जो प्लास्टिक पैकिंग वाला सामान बेचते है। पहले पॉलीथिन अब फायल के इस्तेमाल पर रोक गलत है। ऐसे तो लोग खाना पैक नहीं करा पाएंगे।शुभम केशरी, रेस्टोरेंट संचालक