स्टेट के विभिन्न सरकारी गोदामों में करीब 300 क्विंटल से ऊपर अनाज सड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि यह अनाज मिड डे मील योजना के अन्तर्गत रखा गया है जो स्कूलों में अलग अलग टाइम पर भेजा जाना है लेकिन पिछले कुछ महीनों से लगातार अनियमितता के कारण यह अनाज पड़े पड़े सड़ने लगा है. यदि कुछ दिन और इस अनाज को गोदामों में ही छोड़ दिया गया तो अनाज पूरी तरह सड़कर बर्बाद हो जाएगा.

मिल रही थी शिकायतें
RANCHI: इधर, विभिन्न स्कूलों में मिड डे मील का खाना नहीं बांटे जाने की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने कमोबेश सभी जिलों के उपायुक्तों को इसपर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि जिस राज्य में हाल के कुछ महीनों के भीतर सिमडेगा और गिरीडीह में भूख से मौत की सूचना मिली है, वहां अनाज की इस तरह से बर्बादी अचरज में डालती है।

एमडीएम का 180 क्विंटल अनाज सड़ा था
मिड डे मील योजना के अन्तर्गत विगत वर्ष करीब 180 क्विंटल अनाज सड़ने के कारण जमीन के नीचे दबा दिए गए। इस अनाज का रोटेशन होता रहता तो सड़ने से बच सकता था, लेकिन ऐसा न करके घोर लापरवाही बरती गयी है।

1100 क्विंटल अनाज दफनाए गए
कडरू गोदाम में अनाज सड़कर डस्ट में तब्दील हो गए थे, जिसके कारण करीब 1100 क्विंटल अनाज दफना दिया गया। इसमें मिड डे मील का 180.63 क्विंटल, चावल अन्त्योदय योजना - 589.96 क्विंटल, चावल एपीएल 65.96 क्विंटल, लाल कार्डधारी का गेहूं 170 क्विंटल शामिल हैं। इसके अलावा भी कई तरह के अनाजों को सड़ने के कारण जमीन में गढ्डा कर दफना दिया गया।

 

चार लाख परिवारों को मिलता है राशन
खाद्य सुरक्षा कानून के नये नियमों के तहत रांची के 4 लाख परिवारों को सरकार द्वारा अनाज उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में यदि अनाज का नियमित रोटेशन नहीं होगा, तो वह एक बार फिर गोदाम में पड़े पड़े सड़ जाएगा।

क्या कहते हैं अफस
पूर्व के अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही के कारण अनाज इस तरह सड़कर बर्बाद हो गया है। जांच की जा रही है कि इस लापरवाही में कौन लोग शामिल हैं। सभी गोदामों को लगातार रोटेशन करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
-शशि भूषण, जिला प्रबंधक खाद्य सुरक्षा, रांची

Posted By: Inextlive