खबर छपने के बाद अशुद्ध के विरुद्ध निकली फूड सेफ्टी की टीम, दूध मंडी में छापामार कार्रवाई

PATNA: दीपावली आते ही पटना में नकली और मिलावटी खोया, पनीर और मिठाई की बिक्री तेज हो गई है। पटना जंक्शन स्थित बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ की ओर से संचालित दूध मंडी से नकली खोया और पनीर की सप्लाई पूरे शहर में हो रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम 'अशुद्ध के विरुद्ध' के तहत 31 अक्टूबर के अंक मे ये खोया नहीं जहर है हेडिंग से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। खबर छपने के फूड सेफ्टी विभाग में हड़कंप मच गया। मिलावटी खोया और पनीर के व्यापारियों के व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए मंगलवार को फूड सेफ्टी विभाग की पूरी टीम मजिस्ट्रेट और पुलिस बल के साथ दूध मंडी में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान जब्त खोया और पनीर की जांच की गई तो उसमें अरारोट और मैदा की मिलावट की रिपोर्ट आई। पढि़ए मिलावटी खोया का सच

इस तरह हुई पहचान

नकली खोया और पनीर की पहचान के लिए फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी खोया और पनीर में आयोडिन सॉल्यूशन नामक केमिकल डालकर सफेद दूध का काला कारोबार का पर्दाफाश किया। केमिकल डालते ही अरारोट और मैदा युक्त पनीर और खोया काला हो गया। जबकि असली खोया का रंग हल्का लाल हो गया। नकली खोया और पनीर की पहचान होते ही मंडी में मौजूद व्यापारी पनीर और खोया को छोड़कर भाग खड़े हुए। मजिस्ट्रेट के बार-बार पूछने के बाद भी किसी ने ये नहीं बताया कि खोया और पनीर किसका है। फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी अजय कुमार ने खोया और पनीर विक्रेता शिवकुमार को पनीर और खोया बेचते जैसे ही पकड़ा वो भी भागने लगा।

30 किलो खोया को किया नष्ट

फ‌र्स्ट जांच में पाए गए नकली खोया को पुलिस बल और फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों ने 50 किलों मिलावटी दूध और 30 किलो नकली खोया कचरे में फेंक कर नष्ट कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि नकली खोया बेचने वाले को पकड़ने की प्रक्रिया जारी रहेगी। जिनका नमूना लिया गया है उन्हें लैब में भेज दिया गया है।

फॉर्मेलिंग का होता उपयोग

फूड सेफ्टी विभाग की अधिकारियों की माने तो दूध से मक्खन निकालने के बाद दूध फटने का डर रहता जिस वजह से व्यापारी दूध में फॉर्मेलिंग मिलाकर दूध उबालते हैं। फॉर्मेलिंग युक्त खाद्य पदार्थ के खाने से कैंसर जैसी भयानक बीमारी की संभावना बनी रहती है।

Posted By: Inextlive