For your digestive health
Foods to which your stomach gives a ‘thumbs-up’
एक केला रोज खाइएजिस तरह दिन में एक सेब खाना हेल्थ के लिए अच्छा कहा जाता है वैसे ही दिन में एक केला खाना डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा माना जाता है.
Why: डायटीशियन डॉ. लता तिवारी कहती हैं, ‘केला इलेक्ट्रोलाइट्स और पोटैशियम को रीस्टोर करता है जो जनरली डायरिया के दौरान बॉडी से बाहर हो जाते हैं. साथ ही केले में फाइबर होता है जो डाइजेशन में हेल्प करता है.’ डाइट में होल ग्रेन्स शामिल करें
होल ग्रेन्स डाइजेशन के लिए अच्छे होते हैं.
Why: होल ग्रेन्स से बनी होल व्हीट ब्रेड, ओट्स, ब्राउन राइस डाइजेशन में हेल्प करते हैं क्योंकि ये फाइबर का अच्छा सोर्स होते हैं. बॉडी को डेली 20-30 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है और हम जनरली 12 ग्राम तक ही कंज्यूम करते हैं. फाइबर कोलेस्ट्रॉल कम करता है पर इसको ठीक से चबाया नहीं गया तो गैस हो सकती है. ग्लूटेन इंटॉलरेंट लोग इसे ना खाएं. पपीते से दूर करें कांस्टिपेशन
पपाया खूबियों से भरपूर होता है, इसकी पत्तियों तक में मेडिकल प्रॉपर्टीज होती हैं.
Why: पपीते में फाइबर बहुत होता है जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है. पपीते केसीड्स इंटेस्टाइनल वम्र्स क ा ट्रीटमेंट करने में कारगर होते हैं. पपीता कांस्टीपेशन नहीं होने देता और डाइजेशन मे हेल्प करता है. कै लोरीज कम होने की वजह से ये वजन को भी कम करने मे हेल्प करता है.दही में होते हैं गुड बैक्टीरियाज
सब तो नहीं पर कुछ बैक्टीरियाज आपको हेल्दी रहने में हेल्प करते हैं.
Why: पेट और इंटेस्टाइन में अरबों गुड बैक्टीरियाज होते हैं जो डाइजेशन में हेल्प करते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं. ये गुड बैक्टीरियाज दही में भी होते हैं. रोज पिएं आठ ग्लास पानी
पानी डाइजेस्टिव प्रॉसेस में सबसे इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करता है क्योंकि ये इंटेस्टाइन के मूवमेंट में हेल्प करता है.
Why: क्योंकि ये डाइजेस्टिव सिस्टम की इंटर्नल वॉशिंग में काम आ सकता है. पानी के बिना डाइजेशन पॉसिबल ही नहीं है इसलिए दिन में कम से कम 8 ग्लास पानी पीना चाहिए.
"दही हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है. लेकिन एक बात ध्यान रहे कि डेयरी का दही प्रॉब्लम कर सकता है. केला और पपीता भी फायदेमंद हैं."
डॉ. प्रियंका सिंह,
डायटीशियन
Things to avoid for a healthy stomach
दूध कैल्शियम का सबसे आसान सोर्स माना जाता है पर आप लैक्टोस इंटॉलरेंट हैं तो दूध पीने से आपको डायरिया की प्रॉब्लम भी हो सकती है.
Why: डेयरी प्रोडक्ट्स में लैक्टोस (दूध में पाया जाने वाला शुगर) होता है जिससे गैस होना तो आम बात है पर जो लोग लैक्टोस इनटोलेरेन्ट होते हैं उन्हें डायरिया, तेज पेट दर्द, एब्डॉमिनल ब्लोटिंग (पेट भरा हुआ, टाइट सा और सूजा हुआ लगता है) जैसी प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती है. डेयरी प्रोडक्ट्स कम से कम खाएं. हां, दही खाना फायदेमंद रहेगा. अल्कोहल को बोलें बाय-बाय
अल्कोहल लेने से भले ही आप रिलैक्स फील करें या नींद अच्छी आए लेकिन ये डाइजेशन के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता.
Why: अगर एक लिमिट से ज्यादा अल्कोहल लिया गया तो यह बॉडी को डीहाइड्रेट कर सकता है, अगर इनडाइजेशन आपको पहले से है तो डायरिया और वॉमेटिंग की प्रॉब्लम भी हो सकती है.स्पाइसी फूड: टेस्टी है, हेल्दी नहीं
स्पाइसी खाना हमारी जुबान को तो बहुत अच्छा लगता है पर हमारे स्टमक के लिए कई बार यह प्रॉब्लम भी खड़ा कर देता है.
Why: स्पाइसी फूड डाइजेशन प्रोसेस को इफेक्ट करता है. ज्यादा स्पाइसी फूड खाने से एसिड रिफ्लक्स होता है जिससे हार्टबर्न की प्रॉब्लम हो सकती है.चॉकलेट, चाय, कॉफी से रहें दूर
एक स्टडी के मुताबिक चॉकलेट उन लोगों के लिए प्रॉब्लम खड़ी कर सकता है जिन्हें इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम है या जिन्हें क्रॉनिक कांस्टिपेशन की प्रॉब्लम है.
Why: क्योंकि चॉकलेट में पाए जाने वाला दूध कांस्टिपेशन की प्रॉब्लम को बढ़ा देता है. दरअसल यहां रियल विलेन चॉकलेट नहीं बल्कि दूध ही है. हां, चॉकलेट में पाए जाने वाला कैफिन जरूर स्टमक ब्लोटिंग और डायरिया के लिए जिम्मेदार होता है. कॉफी और चाय भी ड्यूरेटिक होता है ऐसे में अगर आपको डाइजेशन की प्रॉब्लम पहले से है तो कम से कम उस दौरान आपको कॉफी और चाय लेना अवॉइड करना चाहिए.
"स्पाइसी फूड, फास्ट फूड जल्दी हमारे डाइजेशन को खराब करते हैं. कुछ लोगों को खाने के बाद दूध पीने से पेट दर्द, भारी पन लगने लगता है इसका मेन रीजन डाइजेशन प्रॉब्लम का कमजोर होना होता है. ऐसे लोगों को बाहर के खाने से बचना चाहिए. अगर प्रॉब्लम होती है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें, सेल्फ मेडिसिन नहीं लेनी चाहिए."
डॉ. गुरदीप सिंह