-फाइलों में उलझाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश

-इंडस्ट्रियल यूनिट्स में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिल नहीं भरने पर अपने आप कटेगी बिजली

-अधिकारियों ने कहा, हर माह सरकार को हो रहा है 200 करोड़ का घाटा

-सीएम ने कहा, घाटा कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करें

>ranchi@inext.co.in

RANCHI (6 Sep) : राज्य के कोने-कोने में ख्ब् घंटे बिजली की एवलेब्लिटी एंश्योर करने का खाका तैयार किया गया है। मंगलवार को इससे जुड़ा एक प्लान मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की बैठक में रखा गया। सीएम को बताया गया कि भ्ख् ग्रिड सब-स्टेशन और रिलेटेड ट्रांसमिशन लाईन के निर्माण करने की योजना भी बना ली गई है। ऐसा होने पर पूरे राज्य में ख्ब् घंटे बिजली दी जा सकेगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि स्टेट की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अगले तीन से चार वर्षों के भीतर क्ब् हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस राशि से इंफ्रास्ट्रक्चर को और डेवलप किया जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि आप पैसों की चिंता न करें।

बैठक में सीएम को बताया गया कि बिजली खरीदने पर हर माह ब्ख्भ् करोड़ रुपए खर्च होते हैं। राजस्व वसूली के बावजूद बिजली की दरें सस्ती होने के कारण हर माह ख्00 करोड़ का लॉस भी हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटा कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करें। हर माह प्रगति की समीक्षा करें। सरकार पैसे की कमी नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को क्वालिटी और निर्बाध बिजली मिले, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करें। अधिकारियों को लक्ष्य दें और जवाबदेही तय करें। टीम बनायें। फील्ड अधिकारियों से भी सुझाव लें। इससे और बेहतर रिजल्ट आने लगेगा।

राज्य की जनता अब तीव्र विकास चाहती है। लोगों को बिजली मुहैया कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। जो अधिकारी ईमानदारी से काम करते हैं, उन्हें पुरस्कृत करें और जो फाइलों में उलझाए रखते हैं, उन्हें चिह्नित करें। उनपर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि औद्योगिक इकाईयों में स्मार्ट मीटर लगायें, ताकि बिल का भुगतान नहीं होने पर बिजली अपने आप कट जाए।

बैठक में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके श्रीवास्तव ने राजस्व वसूली और खर्च के बीच के अंतर के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही इन्हें कम करने के उपाय भी बताए। बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, निगम के निदेशक राहुल पुरवार मौजूद थे।

फैक्ट फाइल

झारखंड में ख्9 लाख उपभोक्ता

9क् प्रतिशत घरेलू

म् प्रतिशत वाणिज्यिक

0.भ् प्रतिशत औद्योगिक

ख्.भ् प्रतिश्ात कृषि

बिजली की औसतन खपत

ख्000 मेगावाट

कहां से आती है बिजली

80 मेगावाट पीटीपीएस

फ्म्0 मेगावाट टीवीएनएल

क्87 मेगावाट आईपीपी

7म्भ् मेगावाट डीवीसी

म्00 मेगावाट सेन्ट्रल एलोकेशन

Posted By: Inextlive