एडमिशन की डगर, जरा संभलकर
- इनवैलिड कोर्स से करियर पर लग सकता है फुलस्टॉप
- हर कोर्स के लिए जरूरी है मान्यता - एडमिशन के धंधे में दलाल डले रखते हैं फंदे dehradun@inext.co.inDEHRADUN: एडमिशन सीजन आते ही जहां एक ओर पेरेंट्स और स्टूडेंट्स फ्यूचर की पॉसिबिलिटीज के लिए नई राहें तलाशते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी है जिनके लिए इन दिनों एडमिशन करने और कराने का फुलऑन सीजन होता है। दलाली का धंधा इन दिनों खूब फलता फूलता है। देहरादून की बात करें तो यहां स्कूल्स में बच्चे के एडमिशन से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मा, नर्सिंग और बीएड आदि सभी कोर्सेज में एडमिशन के लिए मारामारी रहती है। इसी वजह से यहां दलाली का धंधा भी जमकर चलता है। इसके अलावा कॉलेजेज अप्रूव्ड है या नहीं? युनिवर्सिटी ब्लैक लिस्टेड है या नहीं? इसके लिए घर बैठे जरा सी अवेयरनेस के साथ सभी जरूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
युनिवर्सिटी का भी रखें ख्याल पेरेंट्स को एडमिशन के मामले में ज्यादा अवेयर होने की जरूरत है। सभी कोर्सेज में मान्यता की जरूरत होती है। ऐसे में हर कोर्स की मान्यता संबंधी जांच जरूर की जानी चाहिए। - डा। राजेश बहुगुणा, प्रिंसिपल, लॉ कॉलेज देहरादून, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी रेगूलर कोर्सेज किस यूनिवर्सिटी से अप्रूव्ड हैं कॉलेज यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है या नहीं इन सभी बातों का ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है। - डा। देवेंद्र भसीन, प्रिंसिपल, डीएवी पीजी कॉलेज एडमिशन लेने के लिए किसी भी संस्थान में खुद ही बात करें तो अच्छा है कोई भी संस्थान एडमिशन के लिए थर्ड पर्सन को जिम्मेदारी नहीं देता। अगर कोई एडमिशन कराने का दावा करता है तो अपने विवेक का इस्तेमाल जरूर करें। --- प्रो। केके रैना, वाइस चांसलर, डीआईटी यूनिवर्सिटी ठगी के मामले आए दिन होने लगे हैं। इसकी बड़ी वजह दून का एजुकेशन के मामले में फेमस होना भी है, हर कोई दून में रहकर भविष्य संवारना चाहता है। ऐसे में लोग कई बार गलत लोगों के चुंगल में फंस जाते हैं। ---- सुनील अग्रवाल, सेक्रेटरी, एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट्सबेहतर फ्यूचर की चाह में होते है शिकार
हर साल दर्जनों दलाली के मामले सामने आते है। अगर इन मामलों पर गौर करें तो अक्सर ऐसे मामलों में कोर्सेज और कॉलेजेज की वैधता की जानकारी से अंजान पेरेंट्स ही ऐसे मामलों को शिकार होते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि एडमिशन दिलाने से पहले संस्थान और संचालित कोर्स की मान्यता को लेकर पड़ताल जरूर कर लें।
--------------- इंजीनियरिंग के लिए टिप्स - इंजीनियरिंग कोर्सेज अप्रूव्ड है या नहीं - कॉलेज को एआईसीटीई से अप्रूवल है या नहीं। - कॉलेज युनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है या नहीं - स्टेट से मान्यता है या नहीं। -एआईसीटीई और युनिवर्सिटी की वेबसाइट से कॉलेज की मान्यता चेक कर सकते हैं। मेडिकल के लिए जरूरी टिप्स -एंट्रेस एग्जाम के जरिए एडमिशन बेस्ट है - मेडिकल कॉलेज को स्टेट अप्रूवल है या नहीं। - मेडिकल काउंसिल से अप्रूव्ड है यह नहीं। - दलालों की जगह कॉलेज से खुद संपर्क करें। - सीट्स को लेकर कॉलेज से सीधे बात करें। - वेबसाइट पर जाकर कॉलेज की मान्यता और एफिलिएशन चेक कर सकते हैं। नर्सिंग में एडमिशन - कॉलेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल (एनसीआई) से अप्रूव्ड है या नहीं इसे सुनिश्चित कर लें। -कॉलेज को स्टेट से मान्यता है इसका भी ध्यान रखें। -किसी कोर्स को एनसीआई से अप्रूवल नहीं है तो कोर्स की मान्यता नहीं होगी। -ऐसे में कोर्स करने के बाद भी क्वॉलिफिकेशन बेमानी होगी। -कोर्सेज को लेकर एनसीआई की वेब साइट से जानकारी ली जा सकती है। बीएड एडमिशन-कॉलेज मान्यता प्राप्त है या नहीं इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
-कॉलेज नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की वेबसाइट से कॉलेज अप्रूव्ड है या नहीं देखा जा सकता है। -कॉलेज को स्टेट गवर्नमेंट से अप्रूवल है या नहीं इस बात का भी ध्यान जरूर रखें। -डीएलएड को प्राइवेट कॉलेज को इस कोर्स को संचालित करने की अनुमति नहीं है -सरकारी डायट संस्थानों की बात करें यहां क्फ् डायट संस्थानों में केवल एक को ही एनसीटीई की मान्यता है। एलएलबी में एडमिशन -एलएलबी में क्लैट के जरिए टॉप कॉलेजेज में एडमिशन मिलता है। -लॉ कोर्सेज के लिए कॉलेजेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता दी जाती है। -एडमिशन लेने से पहले स्टेट गवर्नमेंट से अप्रूवल के साथ ही युनिवर्सिटी का एफिलिएशन और बीसीआई से मान्यता की जांच परख लें। फार्मा और पैरामैडिकल कोर्सेज में एडमिशन -एडमिशन लेने के लिए पहले कॉलेज को स्टेट से अप्रूवल है या नहीं इसकी जांच जरूर कर लें। -इसके अलावा संस्थान का युनिवर्सिटी में एफिलिएशन स्टेटस भी जरूर देख लें। -उत्तराखंड की बात करें तो यहां अभी इन कोर्सेज के लिए कोई काउंसिल नहीं है। - इसलिए स्टेट गवर्नमेंट के अप्रूवल और युनिवर्सिटी के एफिलिशन को जरूर चेक लें।किसी भी कॉलेज का एफिलिएशन युनिवर्सिटी से होता है। ऐसे में युनिवर्सिटी की मान्यता की जांच करना भी बेहद जरूरी है। अगर युनिवर्सिटी ही ब्लैक लिस्टिेड है तो ऐसे में कॉलेजेज भी ऑटोमेटिकली इसी का हिस्सा हो जाएंगे। युनिवर्सिटीज का कंट्रोल युनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन द्वारा किया जाता है। यूजीसी की वेबसाइट पर ब्लैक लिस्टिेड युनिवर्सिटीज की बाकायदा एक लिस्ट होती है। जिसमें देशभर की युनिवर्सिटी का ब्यौरा होता है। यूजीसी की वेबसाइट पर जाकर युनिवर्सिटी के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
------------------- ठगे जाते हैं सुनहरे भविष्य के सपने एडमिशन सीजन आते ही दलाल जालसाजी का जाल बुनना शुरू कर देते हैं। इसके बाद वह शिकार तलाशते हैं। शिकार के मिलने ही उसे करियर की अपार संभावनाएं, शानदार लाइफस्टाइल और मंजिल तक पहुंचाने वाला आसान रास्ता दिखाया जाता है। अकेले दून की बात करें तो यहां हर साल करीब आधा दर्जन ऐसे मामले दर्ज किए जाते हैं। हाल ही मेडिकल में पेपर लीक और एडमिशन कराने के लिए मोटी रकम की वसूली का मामला सामने आ चुका है। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी कोर्स या कॉलेज में एडमिशन की राह पर निकलने से जरा जांच पड़ताल जरूर कर लें। --------------------