Gorakhpur : कानून की दुनिया में एक कहावत है कि बदमाश कितना भी शातिर क्यों न हो कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है. बस जरूरत है उसे पैनी निगाह से देखने की. गोरखपुर में अब शातिर क्रिमिनल्स पुलिस की पहुंच से बच नहीं सकेंगे. इनवेस्टिगेशन को और धारदार बनाने के लिए पुलिस की एक और विंग स्ट्रांग हो रही है. अब घटनास्थल से मिलने वाले सबूतों की पड़ताल करने के लिए पुलिस को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. गोरखपुर में जल्द ही फोरेंसिक लैब बनकर तैयार हो जाएगा. फोरेंसिक साइंस लैब में क्रिमिनल्स के खिलाफ छोटे से छोटे सबूत भी जुटाए जा सकेंगे.


जनवरी तक मिलेगा लैब जनवरी तक गोरखपुर के पास अपनी फोरेंसिक साइंस लैब होगी। इसके लिए शासन ने चार करोड़ रूपए के बजट की स्वीकृति भी दे दी है। आईजी टेक्निकल असीम अरूण के अनुसार गुलरिहा के फूलवरिया एरिया में लैब के लिए जगह भी मिल गई है। जमीन की एनओसी का काम भी फाइनल स्टेज पर है। 14 जनवरी तक लैब की बिल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा।फील्ड यूनिट टीम कर रही है काम
सिटी में फिलहाल फील्ड यूनिट टीम काम कर रही है। चोरी, डकैती, मर्डर जैसे केसेज की इंफॉर्मेशन पर टीम घटनास्थल पर पहुंचती है और अपने लेवल पर इनेविस्टगेट करती है। अभी तक घटनास्थल से लिए गए एविडेंस को टेस्ट करने के लिए लखथऊ और आगरा स्थित लैब में भेजा जाता था, लेकिन जनवरी के बाद से इसकी जांच सिटी में ही सकेगी। यही नहीं फील्ड यूनिट के साथ-साथ स्पेशलिस्ट्स की टीम को भी तैनात किया जाएगा।सीसीटीएन प्रोग्र्राम के तहत पुलिस को ऑनलाइन और हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए आईजी टेक्निकल ने कुछ दिन पहले मुआयना किया था और इसमें आ रही प्रॉब्लम्स के बारे में समीक्षा बैठक भी की थी।प्रदीप यादव, एसएसपी

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