संरक्षित वनक्षेत्र से हटाई जाएंगी घुमंतू जाति
-कार्बेट और राजा जी पार्क की सीमा पर भी चलेगा अभियान
-बरसात में शिकार के बढ़ते खतरे के चलते लिया फैसला DEHRADUN : वनक्षेत्रों में बढ़ते दखल को रोकने के लिए वन विभाग ने संरक्षित वन क्षेत्रों के आसपास से घुमंतू जाति के लोगों को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। खासतौर से कार्बेट पार्क और राजा जी पार्क के आसपास के क्षेत्रों में यह अभियान चलेगा। प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव ने सभी डीएफओ और पार्क प्रशासन को निर्देश दिए हैं। दो रेंज से हटाए गए घुमंतूवन विभाग राजा जी पार्क की दो रेंज चीला और गोहरी की सीमा से पहले ही घुमंतू जाति के लोगों को हटा चुका है। इसका नतीजा रहा कि राजा की पार्क के क्ब् टाइगर में से क्ख् टाइगर इन दोनों रेंज में ही है। इसके पीछे मानना है कि जिस क्षेत्र में घुमंतू जाति के लोग रहते हैं, वह जंगलों से पेड़ों से पत्तियां, घास काट देते हैं। जिससे वहां शाकाहारी वन्य जीव कम हो जाते हैं। ऐसे में टाइगर भी उस क्षेत्र में नहीं रहते।
सुधारने को चलेगा अभियानवन क्षेत्रों में बढ़ते बाहरी दखल के कारण जंगलों में संतुलन बिगड़ रहा है। जहां पर आबादी रहती है, उनके आसपास वन्य जीव आने से डरते हैं। वहीं संरक्षित वन क्षेत्रों की सीमा बहुत अधिक नहीं है। वन्य जीवों के रहने के लिए पर्याप्त जगह न होने से संतुलन बिगड़ रहा है। संतुलन बनाए रखने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा।
शिकारियों का भी है खतरा वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले घुमंतू जाति के लोगों के रहने से शिकारियों का खतरा भी अध्ि1ाक रहता है। वन्य जीव शिकारी घुमंतू जाति के वेष में जंगलों के आसपास रहते हैं और मौका देखकर टाइगर, लैपर्ड, हाथी जैसे वन्य जीवों को मौत के घाट उतार देते हैं। ऐसे में शिकारियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों को जोड़ने की कवायद वन विभाग इस अभियान में ग्रामीणों को भी जोड़ने की तैयारी में है। इसका मकसद उन बाहरी लोगों की सूचना पाना है, जो वन क्षेत्रों के पास आकर रहने लगते हैं। इसके लिए वनकर्मी ग्रामीणों से संपर्क कर मुखबिर भी तैयार करेंगे। ताकि बाहरी लोगों की सूचना समय से मिल सके और कार्रवाई की जा सके। जीवों की संरक्षा का उठाया कदमवनक्षेत्रों के पास घुमंतू जाति के लोगों को हटाने के लिए शीघ्र अभियान चलाया जाएगा। सभी वन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। संरक्षित वन क्षेत्र इसमे शामिल हैं, क्योंकि इससे वन्य जीवों को नुकसान होता है। राजा जी पार्क में यह प्रयोग करके देखा गया तो चीला और गोहरी रेंज में टाइगर सहित अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है।
- अनिल कुमार दत्त, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव