आग बुझाने के लिए अब वर्ल्ड बैंक का भरोसा
-बीते 14 अप्रैल से मनाया जा रहा है फायर वीक
-400 फायर कर्मियों से जूझ रहा फायर डिपार्टमेंट, मॉडर्न इक्विपमेंट का अभाव -यूडीआरपी के तहत वर्ल्डबैंक ने मंजूर किए हैं 16 करोड़, 24 अप्रैल को टेंडर देहरादून, फायर वीक के छह दिन पूरे हो चुके हैं. फायर वीक में स्कूलों में स्टूडेंट्स से लेकर पब्लिक प्लेसेज पर आम लोगों को अवेयर किया जाता है. लेकिन, आग बुझाने वाले विभाग की हालत देखें तो हालात काफी बुरे हैं. फायर डिपार्टमेंट के पास टेक्नोलॉजी, फैसिलिटीज व मानव संसाधन की भारी कमी है. डिपार्टमेंट के अधिकारियों के बयानों पर भरोसा करें तो आने वाले समय में आग की घटनाओं से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ मॉडर्न इक्विपमेंट होंगे. इसके लिए वर्ल्ड बैंक ने 16 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. 24 अप्रैल को इसके लिए टेंडर प्रस्तावित हैं. ये मॉडर्न इक्विपमेंट मिलेंगे -ब्रीथिंग ऑपरेटर्स. -विक्टिम्स लोकेशन कैमरे -अंडर वाटर कैमरे.-थर्मल इमेजिन कैमरे.
-फायर प्रोटेक्श शूट्स. -बेसिक सर्च एंड रेस्क्यू इक्विपमेंट. 400 कर्मियों के भरोसे फायर डिपार्टमेंटदून सहित राज्य के कई ऐसे इलाके हैं, जहां हर साल आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं. डिपार्टमेंट के मुताबिक राज्य में एक दिन में औसतन 8 स्थानों पर आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं. इन ाटनाओं से निपटने के लिए डिपार्टमेंट के पास मानव संसाधन की सबसे बड़ी कमी है. डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार राज्य में फायर कर्मियों की संख्या 970 है, जबकि अभी भी 400 कर्मियों की कर्मी डिपार्टमेंट झेल रहा है. हालांकि अब बताया जा रहा है कि अंडर डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत वर्ल्ड बैंक से 16 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ है. इसके लिए आगामी 24 अप्रैल को टेंडर प्रस्तावित हैं. जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य में फायर सर्विस में मजबूती आ पाएगी. वर्ल्ड बैंक ने मंजूर इस बजट के तहत दून जिले में दो नये फायर यूनिट्स त्यूनी व लालतप्पड़ को शामिल करने पर मंजूरी दी है. जबकि 32 मीटर ऊंचाई के हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म को भी वर्ल्ड बैंक द्वारा क्रय कर दून जिले को मुहैया कराया गया है.
अभ्ाी पूरी नहीं तैयारियांडिपार्टमेंट भी मान रहा है कि फायर से संबंधित काफी कमियां हैं. जापान की तर्ज पर स्कूलों में अवेयरनेस कार्यक्रमों की जरूरत है, जहां क्लास फोर्थ में आग से निपटने के बारे बताया जाता है. वॉलेंटियर्स की कमी है, अधिकारी बताते हैं कि जर्मनी में करीब 43 हजार फायर फाइटर्स के अलावा 80 परसेंट वॉलेंटियर्स का योगदान रहता है, किसी की भी जान बचाने पर उन्हें एप्रिसिएट किया जाता है. दून सहित सूबे में कहीं भी वॉलेंि1टयर्स आगे नहीं आते.
आग की घ्ाटनाएं 600 परसेंट बढ़ी डिपार्टमेंट मान रहा है कि लगातार अर्बनाइजेशन के कारण राज्य बनने के बाद आग लगने की घटनाओं की संख्या में करीब 600 परसेंट की ग्रोथ हुई है. मुख्य बातें -दून में पांच फायर स्टेशंस व एक सब स्टेशन. -दून में फायर स्टेशंस गांधी रोड, सब स्टेशन वाटर वर्क्स दिलाराम बाजार. -फायर स्टेशन ऋषिकेश, मसूरी, विकासनगर, सेलाकुई. -इन फायर स्टेशन में वर्ष 2018 706 फायर की घटनाएं सामने आई. -2,45,72,800 रुपए का नुकसान, 43,81,23,200 रुपए की संपत्ति बचाई. -कुल 73 फायर सर्विस कर्मचारियों को एडवांस सर्च एंड रेस्क्यू ट्रेनिंग. -वर्तमान समय जिले के फायर स्टेशनों में हाई प्रेशर वाटर टेंडर, हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म, हाई प्रेशर फोम टेंडर, पोर्टेबुल पम्प, डीसीपी टेंडर, मिनी वाटर टेडर व जीव रक्षा वाहनों सहित डिजास्टर इक्विपमेंट. -काम्बी टूल्स, हाइड्रोलिक स्प्रेडर, हाड्रोलिक कटर, डायमंड चेन, एयर कम्प्रेशर मशीन इक्विपमेंट उपलब्ध. -स्टेट में 33 फायर स्टेशन व 3 यूनिट्स मौजूद. -अकेले दून में 200 से ज्यादा होटेल्स, 400 से ज्यादा इंडस्ट्रीज. -बेहद सेंसेटिव लकड़मंडी, आढ़त बाजार व भीड़भाड़ वाले मार्केट ::11 नई यूनिट्स खुलेंगे:: -दून में लाल तप्पड़ व त्यूणी-टिहरी में घनसाली.
-उत्तरकाशी में पुरोला. -चमोली में गैरसैंण व बद्रीनाथ. -हरिद्वार में भगवानपुर. -उधमसिंहनगर में बाजपुर. -पिथौरागढ़ में डीडीहाट. -पौड़ी में थैलीसैंण व श्रीनगर. 10 सालों की स्मोकिंग वर्सेज 3 घंटे की फायर अधिकारियों की मानें तो फायर कर्मियों भी बीमारियों में कैंसर, हार्ट, हेपीटाइटिस बी व सी से जूझते हैं. एक आगजनी की घटना में तीन घंटे के भीतर फायर कर्मी जितना धुंआ लेता है, उतना 10 सालों में एक आदमी धूम्रपान से लेता है.